Saturday, 25 February 2017

497-----आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
नवम अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश  के मजदूर के नाम ;गर्मी, सर्दी या बरसात ;उनकी महनत व परिश्रम के प्रतिफल जीवन चलता है हम,जिनकी सेवाओ से  प्रेरित व सुरक्षित हैं, हर काम समय पर होता हैं)

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं !!

ज्ञानी जन समझें इस को ,
मूल भाव में क्या सत्यता
यज्ञ बनाते माध्यम अपना
रहस्य छिपा है वही समझता
9/36
देव समान वे पुरुष जहां में
हर मुकाम को पाते जाते
जीवन उनका औरों को हैं
देव समान वे फल भी पाते
9/37
हर काम से (उनको) पुन्य मिलता
 कष्ट सभी का सहते हैं
उनकों उनके क र्मों का फल
जीवन में ही मिलते हैं
9/38
बुरा कभी न करते वे ,
द्वेष भाव से दूर वे रहते
 सबको सुख देने का ध्येय !,
जन-2 उनकी चर्चा करते
9/39
 नहीं चाहिए उनको कुछ
दिन रात भजन भी मेरा करते
योगों की सिद्धि मिलती
 दिल भी द्रवित मेरा करते
9/40
शेष कल

मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा

No comments:

Post a Comment