आज का गीता जीवन पथ
नवम अध्याय
जय श्री कृष्णा.
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो
!
(समर्पित है देश के मजदूर के नाम ;गर्मी, सर्दी या बरसात ;उनकी महनत व परिश्रम के प्रतिफल जीवन चलता है हम,जिनकी सेवाओ से
प्रेरित व सुरक्षित हैं, हर काम समय पर
होता हैं)
जो जीवन का मोल
समझता ,
खोया मुझमें
चिन्तन करता
वही परम तत्व
को जाना है
बन के मेरा प्रिय
;जीवन जीता
9/21
सनातन सत्य स्वरूपा
, अर्जुन
परम सत्ता निहित
है मुझमें,
ज्ञानी समझे ;तत्व रहस्य का
रहता सब कुछ
निहित है मुझमें
9/22
निशदिन करें
मेरी प्रार्थना
दिल से मुझे
करें प्रणाम
यत्न करें वे
तरह-2 से
हर पल भजते मेरा
नाम
9/23
कीर्तन करते,
पूजन करते
त्याग भावना,
व्रत भी रखते
मेरी प्राप्ति
ध्येय है उनका
प्रयत्न सदा वे दिल से करते
9/24
ज्ञानी इस जगत
में ,अर्जुन
ज्ञान से मेरी
करें उपासना ,
दिल में भाव ; सम्मान झलकता
यही है उनकी पुनीत भावना
9/25
शेष कल
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना व राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद ब खुद समाप्त हो जायेगा
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