Friday 28 April 2017

Srajan (E-Magazine): 569---आज का गीता जीवन पथ

Srajan (E-Magazine): 569---आज का गीता जीवन पथ: आज का गीता जीवन पथ चौदहवां अध्याय   *Chapter 14* _Live a lifestyle that matches your vision_ जय श्री कृष्णा . सबका...

569---आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
चौदहवां अध्याय 

*Chapter 14*
_Live a lifestyle that matches your vision_
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश के विद्यार्थियों के नाम ; इत नी महनत और परेशानी के मध्य केवल अप ने लक्ष्य को प्राप्त करते  है, बल्कि अपने सपनों को साकार रूप देते हुये देश की तरक्की में अटूट योगदान देते हैं)


रज गुण ,तम,गुण,छिपता है,
 सतगुण अपना काम करे
 तम गुण,सत गुण छिपता है
रज गुण अपना सवाल करे
14/22
जब रज गुण सत गुण दूर रहें,
 तम गुण का है बोलबाला
कितना भी समझाओ ,बताओ
तम गुण उसका रखवाला
14/23
चेतनता आती देह हमारी,
 मिले विवेक मन को
अन्तकरण जब साफ शुद्ध ,
सतगुण मिलता तन मन को
14/24
रज गुण बढ़ता, स्वार्थ बढ़ाता
लालच की ना सीमा होती
 तृष्णा प्यासी रहती है
अनन्त कामना पैदा होती
14/25
सकाम भा्व कर्म में होता
 फल की इच्छा सा्थ में चलती
चाहत पहले ;फल मिल जाये
 अल्पकाल की शान्ति मिलती
14/26
आरम्भ काम का जब होता
मन में अशन्ति होती है
फल ना फिस ले हाथों से
 हलचल दिल में होती है
14/27
बढ़े लालसा विषय भोग की
 तृप्ति कभी मिलती है
शांति मन में न रह ती
चाहत की सीमा ना होती है
14/28
शेष कल

मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगाA

Tuesday 25 April 2017

568----आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
चौदहवां अध्याय 
*Chapter 14*
_Live a lifestyle that matches your vision_
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश के विद्यार्थियों के नाम ; इत नी महनत और परेशानी के मध्य केवल अप ने लक्ष्य को प्राप्त करते है, बल्कि अपने सपनों को साकार रूप देते हुये देश की तरक्की में अटूट योगदान देते हैं)



दिल में अनन्त कामना जागे
 प्राप्त करें ;हम करें प्रयास
अल्प -काल संतुष्टि मिलती
 कभी ना बुझती अपनी प्यास
14/15
फल की चाह तीव्र ,प्रबल
फल में ढूढ़े सन्तुष्टि
फल मिलता है जब हमको
 अल्पकाल को मिलती राहत
14/16
अभिमान देह का सबको है
नशे में,रहते सब चूर
जीवन जीना; मौज उड़ाना
 अज्ञान करे हमको मजबूर
14/17
तमगुण आलस लाता है
बैठे -2सब मिल जाये
कोई काम करे हम सबका
प्रमाद हमेशा तन मन में छाये
14/18
कामी , क्रोधी, अत्याचारी
यही निकाले जीवन का मतलब
मौज उड़ालो इसी जिन्दगी
जीवन का सबसे बड़ा सबव
14/19
तम गुण नीदं दिलाता है
कोधी जीवन बर्वाद करे
बने जिन्दगी फूलों की सैय्या
मन में विचार आबाद करे
14/20
सुख (सच्चा ) लाता है सतगुण  
रजगुण कर्म को सिंचित करता है
व्यर्थ चेष्टायें मन की !
तम गुण भरता रहता है
14/21

शेष कल 
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा