आज का गीता जीवन पथ
चौदहवां अध्याय
*Chapter 14*
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जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश के विद्यार्थियों के नाम ; इत नी महनत और परेशानी के मध्य न केवल अप ने लक्ष्य को प्राप्त करते है, बल्कि अपने सपनों को साकार रूप देते हुये देश की तरक्की में अटूट योगदान देते हैं)
जन्म आदि भी रहस्य भरा,
प्रलय काल न व्याकुल करता
ज्ञान आश्रय देता है
कभी ना योगी आकुल होता
14/8
जड़ चेतन की शक्ति विहित है
जड़ में चेतनता लाता
रहस्य भरी ये जीवन यात्रा
जीवन को संचालित करता
14/9
शरीर में जड़ता होती है
चेतन मुझे बनाना पड़ता
चक्र जीवन का चलता रहता
मौत बदन को लाती जड् ता
14/10
ज्ञान से बंधा सत्य जगत में
ना कभी ये छिपता है
सुख का आधार ज्ञान है
ज्ञान सत्य से हमें जोड़ता
14/11
झूठ की ताकत झूठी ,
झूठ का ना होता आधार
हिंसा करे ,सहारा लेता
झूठ दिखाता है तलवार
14/12
राग द्वेष जीवन में ,अर्जुन !,
रज गुण स्वयं सा्थ में रहता है
आसक्ति पैदा करता है
लगाव ये दिल में ये भरता है
14/13
सबसे निश्चल सबसे कोमल,
निर्मल है आ्लोकित करता
सतगुण निशपाप जगत में
विकार न इसमें कोई पनपता
14/14
शेष कल
मेरी
विनती
कृपा
तेरी
काफी
है
,प्रत्यक्ष
प्रमाण
मैं
देता
जब-2
विपदा
ने
घेरा
,गिर
ने
कभी
ना
तू
देता
साथ
मेरे
जो
पाठ
है
करते
,कृपा
बरसते
रखना
तू
हर
विपदा
से
उन्है
बचाना
,बस
ध्यान
में
रखना
कृष्ना
तू
निपट
निरक्षर
अज्ञानी
है
हम
,किससे,
क्या
लेना,
क्या
देना
I
कृपा
बनाये
रखना,
कृष्णा,
शरणागत
बस
अपनी
लेना
II
(अर्चना
व
राज)
नोट-
जो
लोग
जातिवाद
कहते
हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा
ने
मानव
कल्याण
की
ही
बात
की
हैं
जातिवाद
खुद
ब
खुद
समाप्त
हो
जायेगा
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