Tuesday 28 February 2017

Srajan (E-Magazine): 502--आज का गीता जीवन पथ

Srajan (E-Magazine): 502--आज का गीता जीवन पथ: आज का गीता जीवन पथ दश म अध्याय   जय श्री कृष्णा . सबका भला हो ! ( समर्पित है देश के सब खिलाड़ियों के नाम ; ...

502--आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
दश  अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश के सब खिलाड़ियों के नाम ;गर्मीसर्दी या बरसात ;उनकी महनत  परिश्रम के प्रतिफल हमें सम्मान मिलता है हम,जिनकी सेवाओ से प्रेरित  गौरवान्वित होते हैं)
सत्य ,संकल्प,क्षमा ,भय,डर 
सुखदुख ,उत्पत्ति ,प्रलय 
सत्य ,अहिंसासमताज्ञान
दान ,यश ,अपकीर्ति की लय
10/8 
भाव उत्पन्न होते है मुझसे,
जानें ज्ञानी स्रोत इसका 
जीव महज एक पुतला है 
संचालित मुझसे जीवन उसका
10/09
महा ज्ञानी भी जगत में , 
जन्म लिया है समय -2 
आये कर्म निभाया अपना 
निहित है इसमें भी विस्मय 
10/10
यह जगत अल्पकाल की माया
भेद जो इसका जान गया 
भक्ति भाव में डूब गया 
गहरा मुझमें (वो )समा गया 
10/11
भजते हैं दिन रात यहां 
मुझमें जगत समाया
भेद जानने को आतुर 
यही निराली मेरी माया
10/12
दिन रात भक्ति में मेरी डूबे 
जग है अल्प-काल का फेरा 
भक्ति में शक्ति निहित है
जग है अल्पकाल का डे रा
10/13 
चिन्तन रमण करें वे मुझमें 
समझे मेरा वे प्रभाव
चर्चा होती दिन रात यहां 
दिल से अर्पित करते भाव 
10/14
जीवन जैविक मात्र नहीं है 
अध्यात्म जुड़ा है इससे 
जीव जन्तु जगत में हैं 
मुकाम जोड़ते हैं मुझसे
10/15
शेष कल
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससेक्या लेनाक्या देना I
कृपा बनाये रखनाकृष्णाशरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना  राज)
नोटजो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद  खुद समाप्त हो जायेगा



Srajan (E-Magazine): 501-----Best of Hinduism-007-----

Srajan (E-Magazine): 501-----Best of Hinduism-007-----: Best of Hinduism-007----- The Ethical order comes to us from our scriptures suggest to---- 1--To respect------Old age,Dharam, and Law...

501-----Best of Hinduism-007-----

Best of Hinduism-007-----

The Ethical order comes to us from our scriptures suggest to----
1--To respect------Old age,Dharam, and Laws
2---To Admire----Intellect,beauty,Music,
3--To Cultivate--Sympathy,cheerfulness,contentment,
4---To Stick to---Promise Friendship,likings according to age
5---To Govern-Tongue,Temper and Action,
6--To Prevent--Idleness,Falsehood and Slang
7-To Watch---Word,behavior and Character 
8--To Love---Honesty,Purity and Truth.
9--To Spread--Peace,Brotherhood,development,
10--To Learn---What is best and Use it,Liberality for the perfect order in the society to be created
11-Develop---Scientific temperament,Share findings,Help Humanity,
12-To Share---the Experience,Mysticism,spirituality
13-To Help--the poor,the needy,old people
14--To save----Culture,Nationhood,Flaura& fauna
15--To Bear--Tolerance,Pains,Body,
16--To listen and share----What Friends and scholars suggest------Won't You See the great tenets produced before you out of millions prevailing here.
Message---Dharam Guruji---Do not be a speaker on surface,first delve deep into the Indian ocean of Gyan (Knowledge)and than comment,A layman like me possesses more understanding than your vast bombastic and malice-filled speeches. (Raj)

Monday 27 February 2017

Srajan (E-Magazine): 500-----आज का गीता जीवन पथ

Srajan (E-Magazine): 500-----आज का गीता जीवन पथ: आज का गीता जीवन पथ दश म अध्याय   जय श्री कृष्णा . सबका भला हो ! ( समर्पित है देश   के सब खिलाड़ियों के नाम ; गर्म...

500-----आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
दश म अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश  के सब खिलाड़ियों के नाम ;गर्मी, सर्दी या बरसात ;उनकी महनत व परिश्रम के प्रतिफल हमें सम्मान मिलता है हम,जिनकी सेवाओ से  प्रेरित व गौरवान्वित होते हैं)
वचन मेरा है रहस्य भरा ,
प्रभाव युक्त ये रहता है ,
दिल की इच्छा से कहना
हित का चिन्तन करता है
10/01
लीला मेरी समझ से बाहर
अपरम्पार ! सभी मानते हैं
भ्रमित जहां भी होता है
 हैरान ! रिषी भी होते हैं
10/02
अर्जुन ! जितनी चाबी(तुझमें) भरी है
उतना ही तू कर पाता है
वश में तेरे तेरा शरीर!
नहीं पूर्ण नियंत्रण पाता है
10/03
समझो खोल के दिल को तु म 
लाख नाडियां दिल भी धड़के
स्वतःक्रिया भी होती है
बार-2 देखा हट के
10/04
आदि कारण में जगत का हूं
रहस्य भरा है जीवन मेरा
अजन्मा! अनादि !लोंकों में
यही सत्य रूप है मेरा
10/05
 रहस्य को समझें जो कोई ,
 ज्ञान पिपाशा उसकी बढ़ती
परम तत्व को जानें, समझें
यही लालसा दिल में होती
10/06
पापों से मुक्ति पाना
हर पल लीन वो रहता है
क्षणभंगुर जीवन का मर्म !
रहस्य जानता ,वही समझता है
10/07
शेष कल

मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा