आज की बात
(Gha/38/1848)
एक से ग्यारह होते हैं,
मिलके काम जब करते हैं ,
आज का दिन है पावन,
नादां अब ना तू बन,
काम धाम सब छोड़ दें ,
सबसे पहले वोट दें ,
वोट ना देना; सोते रहना ,
वर्षों फिर चिल्ला ते रहना,
वोट ना देना ,गर्व नहीं ,
शर्म की बात है
अच्छा नेता न चुन पाये ,
आती फिर
हर दिन काली रात है,
समझ से पहले जोड़ दें ,
सबसे पहले वोट दें
(1)
अधिकारी हों या शिक्षक ,
व्यापारी हों या फिर रक्षक,
बुरा आदमी नेता बन के ,
सबको नाच नचाता है ,
गाली देना उसकी फितरत ,
गलत काम करवाता है,
सिस्टम अागे पीछे ,
परेशान फिर करता है,
मंशा उसकी तोड़ दें,
सबसे पहले वोट दें
(2)
मुशिकल से आजादी आई ,
कुर्बानी लिखती लहू कहानी ,
कितने कष्ट सहे वीरों ने ,
हार ना फिर भी मानी ,
वादों में बांट दिया हमको ,
पीछे कितना कर दिया हमकों,
हम भी अपना काम करें ,
छोड़ के लड़ना झगड़ा ,
जबाव मुंहतोड़ दें
सबसे पहले वोट दें
(3)
सबसे ताकत वर हम हैं ,
कब इसको हम समझेगें ,
छोटी मोटी गलती देखो,
फिर वर्षों हम सहेगें ,
अपनों का शासन है,
अच्छों को सत्ता सौंप दें,
सबसे पहले वोट दें
(4)
अर्चना व राज
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