Thursday, 26 January 2017

447-----आजादी का मतलब (Gha/26/1836)




















आजादी का मतलब
(Gha/26/1836)
आंखों में आंसू आते है ,
दिल को दिलासा ना मिलती,
 इतिहास के पन्ने जब भी उल्टे ,
नदियां खून की मिलती ,
किसी को मिलती जेल ,
किसे को फांसी भाती,
 जो दुश्मन दे के हम को गया है ,
गुस्सा हमको भी आती ,
अजीब सी हरकत होती है
हमको खूबसताती-01
खून बहाया ,दुख भी झेले ,
दुख की कहानी कहती ,
चूक जरा सी कितनी भारी,
खौफ दिलों में भरती ,
नमन है वीर सपूतों का ,
याद उन्ही की आती,
शातिर घोखेबाज़ था दुश्मन ,
प्रेम दिखाया ,घर में आया,
 जमके टोडा ,हमकों लूटा ,
ये समझ देर से आया,
खून खराबा अत्याचार,
 यही हकीकत कहती-
अजीब सी हरकत होती है
हमको खूबसताती-02
चूक जरा सी हमसे होगी,
 आपस में ना समझेगें,
हाल बुरा ईराक सीरिया ,
किसको क्या बोलेंगे ,
अपनेमुद्दे अपने हाथ,
 किस्मत भी तो राह देखती ,
नमन है वीर जवांनो को,
कुर्वानी उनकी ,
आजादी हम को लाती
अजीब सी हरकत होती है
हमको खूबसताती-03
पंजाब भले या राजस्थान ,
गुजराती ,यूपी ,बिहार ,
जहां भी देखो अत्याचार,
लहू मांगता हर त्यौहार ,
आजादी सबका मकसद था ,
कन्नड़ ,तमिल,मदरासी ,
सासों की आहुति देनी
ना देर करी जरा सी ,
महान मराठा बंगाली,
 सबने खाई भी गाली ,
जब जब अपने कहते है ,
आंखमेंरी भर आती
अजीब सी हरकत होती है
 हमको खूबसताती-04
अभी चुनौती ठीक सामने,
 कब समझेगें इनके मायने ,
कोई तो गाली देता है,
 रकीब हमारा बनता है ,
सावधान इन गद्दारों से ,
देश के दुश्मन यारों से ,
सावधान अ्ब रहना होगा,
 जबाव करारा देना होगा,
 दुश्मन के प्यादे हैं ,
अपने इन के फायदे हैं
देश वेष से क्या लेना,
 इनकों अपना लाभ देखना,
मिलके सेंध लगाते हैं ,
धोखा हमको देते है ,
चाल फरेवी इनकी समझें,
 चुपके चुपके  ;
चोट हमें पहुंचाते है
अजीब सी हरकत होती है
हमको खूब सताती-05
संकल्प सभी हम लेते हैं
काम अधूरा ,पूरा करना,
खुशी सभी को देना
काम खुशी से हमको करना
देश हमारा सबसे प्यारा ,
आंखों का है अपना तारा,
शांति कभी ना बैठेंगे
अपनों को जियेंगें ,
अपनों को मरेंगे
नहीं गरीबी रहने वाली
 भूख यहां से जाने वाली
मांग यही अब उठती
अजीब सी हरकत होती है

हमको खूब सताती-05     ( अर्चना & राज)

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