Monday 23 January 2017

441----आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
षष्ठम अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश  के अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस के नाम,जिनकी सेवाओ से हम प्रेरित व सुरक्षित हैं)


धरा पे केवल तुम हो ,माधव!
 जो मेरा संशय तोड़ सके
नहीं दूसरा दुनिया में
मन को मेरे जान सके
6/76
नाश नहीं होता जग में
परलोक सुधर जाता है
आत्मों -द्वार किया जिसने
परम तत्व से मिल जाता है
7/77
दुर्गति रहती उससे दूर
कर्म सराहे उसके जाते
प्राप्त करें स्वर्गादि सुख
जब भी जहां से वे जाते,
7/78
निवास भी उनका मनेच्छा,
नित वे करते स्वयं सुधार
संस्कारित जीवन होता है
 धरा का करते वे उद्धार
7/79
वैराग्यवान पुरूष जहां में
 जन्म दुर्लभ वह पाता है
ज्ञानवान कुलश्रेष्ठ यहां
जग का उद्धार कर जाता है
7/80
शेष कल
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(
अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा


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