Monday, 2 January 2017

410-----आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ 
पंचम अध्याय 

जय श्री कृष्णा.

सबका भला हो !
(समर्पित है देश के वैज्ञानिकों के नाम जो असमय मौत का शिकार बने)

आने जाने का क्रम ,
सदियों से चलता  रहता है
वक्त बदलने की ताकत ,
कौन यहां पे रखता है
5/43
ज्ञानी योगी पुरूष यहां
उपाय ढूंढते रहते हैं
 आने जाने से छूट मिले
यही मार्ग अपनाते हैं
5/44
जो मनुष्य करता है !
कर्मों का भागी बनता है
फल जो भी मिलता हो
स्वीकार -स्वभाव वह रखता है
5/45
कर्मों की इस दुनिया में
ईश्वर भागी नहीं बनता है
पाप कर्म या शुभ कर्म
फर्क उसे नहीं पड़ता है
5/46
 अज्ञान ढ़का ज्ञान को
मोहित सबको करता
परम तत्व से दूरी बढ़ाता
ज्ञान से मोहभंग कराता
5/47
शेष कल

मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है
प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा
गिर ने कभी ना तू देता

साथ मेरे जो पाठ है करते
कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना
बस ध्यान में रखना कृष्ना तू


निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I

कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा  

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