आज का गीता जीवन पथ
पंचम अध्याय
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश के वैज्ञानिकों के नाम जो असमय मौत का शिकार बने
विषयी पुरुष सुख को
परिभाषित करते अपने हिसाब
नहीं समझते दुःख का कारण
विषयों में देखें ,ढ्ढें अपने जबाव
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पार्थ !समझना इनको ,?गम्भीर बनो
ज्ञानी जाने क्या हकीकत?,
परम तत्व का आनन्द मिले
इससे बड़ी क्या जरूरत ?
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जन्म सफल होता है
साधक होता द्ृढ़ प्रबल
काम ,क्रोध के वेग को रोके
क्षमता उसकी अखण्ड प्रबल
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स्व- इच्छा शरीर त्याग की,
मन में योगी रख ता है
हंसते -2सुखी -जीवन त्यागे
असली सुख समझता है
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अनन्त सुख देता जीवन,
रमण इसी में करता है,
ज्ञानवान वो आत्मा से ,
जग को आलोकित करता है
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Note ----A real
story----Debraha Baba whose ashram I have visited too is the live example, He
took Jal-samadhi (leaving Human body by sinking oneself till death ).My
maternal uncle ,who served as Police Inspector told me that he too visited him
,and before him, he saw a lady requesting him for a boy-child ,But Baba refused
it,She requested again and again and Baba said,"You have to pay for
that" She agreed ,she had one girl child. The moment she left his ashram
within 30 minutes ,people saw her coming back weeping and crying, Her car met
with an accident ,and her only girl child was no more ,as she diedin the
accident,Then he replied,” I already refused you,But what this is destined ,Now
go you shall be blessed with a child soon..”....Such great soul lived here and
surprisingly we believe in the Epicurean
theory .-eat,drink and be marry and forget the great tradition received
;left by such saints )
शेष कल
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है
प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा
गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते
कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना
बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना व राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद ब खुद समाप्त हो जायेगा
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