Wednesday, 11 January 2017

422-आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
षष्ठम अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश  के अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस के नाम,जिनकी सेवाओ से हम प्रेरित व सुरक्षित हैं)
ज्ञान मिला है जिनको ,
परम तत्व को जान लिया ,
तन मन सब केन्द्रित हैं ,
दिल से उसने मान लिया
6/11
अन्त:करण है विकार रहित,
ज्ञान-विज्ञान से तृप्त ,
इन्द्रजीत कहते हैं उनको,
जीवन में रहता सदा संतृप्त ,
6/12
मिटटी,पत्थर,स्वर्ण समान ,
कभी करें न वो अभिमान,
भगवत प्राप्त योगी है वो ,
सब कुछ धरा पे धूल समान
6/13
श्रेष्ठ पुरुष धरा का वो,
सह्दय ,मित्र,वैरी ,उदासीन मध्यस्थ ,
बन्धु ,धर्मात्मा ,पापी भी ,
करे ना उनके मन को ध्वस्त
6/14
जीवन का सार है जान लिया ,
दो घड़ी का मेला यहाँ,
वो पल आने वाला है
जहां भी बांधे जहाँ शमां
6/15
(To be continued)
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(
अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा


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