Thursday, 12 January 2017

423-आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
षष्ठम अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश  के अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस के नाम,जिनकी सेवाओ से हम प्रेरित व सुरक्षित हैं)

पल दो पल के गीत यहाँ,
पल दो पल संगीत गूंजते ,
पल दो पल की एक कहानी,
पल दो पल दिन रात बीत ते
6/16
मानव का प्रभु मिलन ,
असान नहीं होता है ,
आशा इच्छा युक्त सदा ,
संग्रह वो करता रहता है
6/17
 विपरीत इसी के योगी हैं,
इन्द जीत बन जीवन जीते,
मन भी रहता सदा नियन्त्रित,
 ईश-रस वो पीते रहते
6/18
जब जब पैर पड़े सन्तन के,
 पावन पवित्र धरा बने ,
जीवन का मर्म समझते वो ,
परिष्कृत जीवन होता शनै:शनै:
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साफ स्वच्छ वस्त्र बिछैं,
कुशा बढ़ाती भूमि का मान
ना नीचा,  ना हीं ऊंचा हो स्थान ,
सहयोग ध्यान कराता आसन
6/20
(To be continued)
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(
अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा


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