Friday, 20 January 2017

435----आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
षष्ठम अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश  के अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस के नाम,जिनकी सेवाओ से हम प्रेरित व सुरक्षित हैं)

लाली देखन वो चला,
जित देखी तित लाल,
कवीरा जैसो बावरो,
 दिखता सब कुछ लाल
6/51
दुनिया कहती बाबरों,
आनन्द उसका समझ ना पाई,
परमानन्द ने उसे डुबोया ,
गुत्थी समझ ना आई
6/52
भाव जिसका एकाकी ,
सर्वव्यापी अनन्त चेतन में ,
दूर दृष्टि से देखे जगत
रहता वो समभाव में
6/53
भूत को जाने ,भविष्य को समझे ,
वही देखता बीत गया
करे कल्पना भाव उमडते,
जीवन को वो समझ गया
6/54
जिसने जाना मुझको
सर्वव्यापक सदा में स्थित
माध्यम बना; मुझे देखना
मुझसे होता सारा उपस्थित
6/55
शेष कल
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू

निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(
अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा

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