Wednesday 18 January 2017

434-----आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
षष्ठम अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश  के अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस के नाम,जिनकी सेवाओ से हम प्रेरित व सुरक्षित हैं)

धीमें -2 मुठ्ठी में ,पार्थ !,
सब कुछ आ जायेगा ,
चिन्तन होगा क्रेद्रित उसमें,
 परमानन्द गले लगायेगा
6/46
चंचल मन की चंचलता,
 रोक सभी न इनको पायें ,
इधर को जाता ,उधर कूदता
 भ्रम से इसके उबर न पायें
6/47
थाम लिया है पकड़ के इसको ,
वश में किया अति कठोर ,
होता ईशवर में केंद्रित
 जाना-रूकता चहुं ओर
6/48
जिसने किया मनको शान्त,
 मन की दूर सारी क्लान्त ,
मन की लगाम उसी के हाथ,
 फर्क नहीं कोई दे द्दष्टान्त
6/49
आसक्ति से दूर जितेन्द्रिय,
 रजोगुण भी रफूचक्कर ,
परमानन्द को पाता वो योगी ,
नहीं लगाता झूठे चक्कर
6/50
शेष कल
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू

निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(
अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा

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