Monday 16 January 2017

431----आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
षष्ठम अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश  के अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस के नाम,जिनकी सेवाओ से हम प्रेरित व सुरक्षित हैं)

खास घटित होता है ,!पार्थ
योग परिष्कृति करता बुद्धि
ध्यान मिलाता उसी अवस्था
करता तन मन की शुद्धि
6/36
आत्मा का परमात्मा मिलन !
विचलित उसको नहीं करता है ,
ध्यान मग्न सन्तोष साथ में,
अनूठा अनुभव करता है
6/37
जितेन्द्रिय बन जाता जो ,पार्थ!,
 अति सूक्ष्म बुद्धि को पाता है,
 परिष्कृत करता योग उसे,
 खुला रहस्य ! वो पाता है
6/38
ये करना या वो करना,
ये छूटा या वो छूटा,
ये रूठा या वो रूठा ,
कभी किसी से सम्बन्ध टूटा
6/39
इसे मना ओ उसे मनाओ ,
ये है आधा ,वो अधूरा ,
सन्तोष कभी ना मिल पाता !,
यही मनुष्य का नाता गहरा
6/40
शेष कल
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू

निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(
अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा

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