आज का जबाव
1----- कुछ लोग समाज में भ्रम फैलाते हैं
2-----पत्थर पूजन जैसे बहुत बड़ा अपराध हो
3-----------वेद ने भगवान को निराकार बताया
4---------यही बात कृष्णा ने परमतत्व ,परमबृह्म ,परमेश्वर के बारे में कही है
5-------संस्कृत का हरेक शब्द एक अर्थ साथ ले के चलता है जैसे भगवान यानि पंचतत्व -भूमि,गगन,वायु,अग्नि ,नीर अर्थात भगवान वो शक्ति है जिसका इन पर अधिपत्व हो
6-----------स्वामी दयानन्द ने पत्थर पूजन भी उचित नहीं माना लेकिन बदले में आर्य समाज क्या दे पाया,ओशो के अनुसार आज तक गलती नहीं सुधार पाये
7----संसार में 3 तरह के लोग है. जो ईश्वर को मानते हैं
(Thiest)
नहीं मानते(Athiest like scientist),
नहीं है या है हमें ना मालूम(Agnostics)
8- जो निराकार की बात करते हैं उनके घर लगता हैं भगवान रोज़ आते हैं
7--- प्रतीकात्मक पूजन करने में कोई बुराई नहीं है कागज के टुकड़े पर मां बाप का चित्र नमन करने योग्य है
8--- गीता में कृष्णा ने कहा है. जिस रूप में प्राणी मुझे देखना चाहते हैं उसी रूप में ,मैं उसे उपलब्ध होतां हूं संगत ,असंगत ,प्रेम का प्रतीक है उसे जानने के liye कर्मों का अर्पण या त्याग से ------शक्ति मिलती है
9-अलीगढ के अल्ताफ भाई कब्बाल गाते थे कि कहीं जाओ वो कहीं नहीं मिलता
10-------हमारी श्रद्धा आस्था प्रेम ही उसे मिलाती हैं अपने ईष्टदेव से कामना करनी चाहिए ,काम बनेगें विश्वास रखें
11----------हमने ही खोज की कि जीवन यहाँ तो जैविक है लेकिन लिंक अध्यात्मिक है
12----- विश्व ने खुद ज्योतिष को भारत की महान देन माना है इसमें 01से 08 तक घर तो व्यक्त है और 9 से 12 अव्यक्त है क्या होगा कोई नहीं बता सकता ,केवल अनुमान है
13--- किताबें में कितना फेरबदल,नष्ट की गईं ; किताबों का उदाहरण जहां गलत हो सकता गलत विद्वान गलत उदाहरण देते हैं
14-- केदारनाथ,पशुपतिनाथ ही बचे, सब तबाह हो गया पानीse दिया जलना, उल्टी दिशा में झंडा,उड़ना आदि तों हमारे सामने के उदाहरण हैं
गीता सार कहता है कि हर जगह 1-----कुछ लोग भगवान तुल्य जन्म लेते हैं 2------कुछ महान 3------कुछ अच्छे 4------कुछ तटस्थ 5----- कुछ बुरे 6-------फिर तो अपराधियों की श्रेणी ----पुलिस फौज का काम बढ़ाते हैं
1----- कुछ लोग समाज में भ्रम फैलाते हैं
2-----पत्थर पूजन जैसे बहुत बड़ा अपराध हो
3-----------वेद ने भगवान को निराकार बताया
4---------यही बात कृष्णा ने परमतत्व ,परमबृह्म ,परमेश्वर के बारे में कही है
5-------संस्कृत का हरेक शब्द एक अर्थ साथ ले के चलता है जैसे भगवान यानि पंचतत्व -भूमि,गगन,वायु,अग्नि ,नीर अर्थात भगवान वो शक्ति है जिसका इन पर अधिपत्व हो
6-----------स्वामी दयानन्द ने पत्थर पूजन भी उचित नहीं माना लेकिन बदले में आर्य समाज क्या दे पाया,ओशो के अनुसार आज तक गलती नहीं सुधार पाये
7----संसार में 3 तरह के लोग है. जो ईश्वर को मानते हैं
(Thiest)
नहीं मानते(Athiest like scientist),
नहीं है या है हमें ना मालूम(Agnostics)
8- जो निराकार की बात करते हैं उनके घर लगता हैं भगवान रोज़ आते हैं
7--- प्रतीकात्मक पूजन करने में कोई बुराई नहीं है कागज के टुकड़े पर मां बाप का चित्र नमन करने योग्य है
8--- गीता में कृष्णा ने कहा है. जिस रूप में प्राणी मुझे देखना चाहते हैं उसी रूप में ,मैं उसे उपलब्ध होतां हूं संगत ,असंगत ,प्रेम का प्रतीक है उसे जानने के liye कर्मों का अर्पण या त्याग से ------शक्ति मिलती है
9-अलीगढ के अल्ताफ भाई कब्बाल गाते थे कि कहीं जाओ वो कहीं नहीं मिलता
10-------हमारी श्रद्धा आस्था प्रेम ही उसे मिलाती हैं अपने ईष्टदेव से कामना करनी चाहिए ,काम बनेगें विश्वास रखें
11----------हमने ही खोज की कि जीवन यहाँ तो जैविक है लेकिन लिंक अध्यात्मिक है
12----- विश्व ने खुद ज्योतिष को भारत की महान देन माना है इसमें 01से 08 तक घर तो व्यक्त है और 9 से 12 अव्यक्त है क्या होगा कोई नहीं बता सकता ,केवल अनुमान है
13--- किताबें में कितना फेरबदल,नष्ट की गईं ; किताबों का उदाहरण जहां गलत हो सकता गलत विद्वान गलत उदाहरण देते हैं
14-- केदारनाथ,पशुपतिनाथ ही बचे, सब तबाह हो गया पानीse दिया जलना, उल्टी दिशा में झंडा,उड़ना आदि तों हमारे सामने के उदाहरण हैं
गीता सार कहता है कि हर जगह 1-----कुछ लोग भगवान तुल्य जन्म लेते हैं 2------कुछ महान 3------कुछ अच्छे 4------कुछ तटस्थ 5----- कुछ बुरे 6-------फिर तो अपराधियों की श्रेणी ----पुलिस फौज का काम बढ़ाते हैं
अतः अच्छों की सुनों ,दुष्टों के षड़यन्त्र जानो
अतः अच्छों की सुनों दुष्टों के षड़यन्त्र जानो
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