Saturday 18 March 2017

519--ग्यारवाँ अध्याय

आज का गीता जीवन पथ
ग्यारवाँ अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश JUDICIARY के नाम ;HONBLE COURTS AND ADVOCATES ;उनकी महनत परिश्रम के प्रतिफल केवल हम सुरक्षित RULE OF LAW कायम है ,हम जिनकी सेवाओ से प्रेरित गौरवान्वित होते हैं)

जग जाने परम आश्रय,
 प्रभु ,तुम हो  सबके परम धाम
परमबृहम ,परमेश्वर, तुम हो
तुममें मिलते सबके मुकाम
11/36
 परम अक्षर परम योग्य
आदि धर्म के रक्षक तुम हो !
अविनाशी पुरूष सनातन
रक्षक धर्म सनातन तुम हो!
11/37
मैं देख रहा हूं ,प्रभो
 आदि ,अन्त और मध्य रहित
 अनन्त भुजायें सूर्य  नेत्र समान
ताकतवर अनन्त सामर्थ्य सहित
11/38
जग है संतप्त तुमसे सारा
तुमसे सभी व्याप्त दिशायें
आकाश भी तुम, अलौकिक-शक्ति
 तुमसे पूर्ण सभी आशायें
11/39
पूर्ण हो तुम ,सर्वशक्तिमान
पृगट जहां में चारों ओर
सूर्य समान है प्रकाश तेरा
रूप भंयकर करता शोर
11/40
बड़ा अनोखा रूप देख ,प्रभु
अचम्भित सभी , दिल न हटता,
हाथ जोड़ खड़े हैं सारे
शृद्धा से है जग जपता
11/41
सभी देवता करें प्रवेश ,प्रभो
नाम जपें, गुण-उच्चारण करते
 कल्याण करो जगत का ,प्रभो,
रिषी मुनि हैं दुआ मांगते
11/42
शेष कल
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा



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