Sunday, 12 March 2017

513---आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
ग्यारवाँ अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश  JUDICIARY के नाम ;HONBLE COURTS AND ADVOCATES ;उनकी महनत व परिश्रम के प्रतिफल, न केवल हम सुरक्षित व RULE OF LAW कायम है ,हम जिनकी सेवाओ से  प्रेरित व गौरवान्वित होते हैं)
“ हे प्रभु !तेरी कृपा है मुझपे
वचन गोपनीय तुमने बोले
अज्ञान रहा हावी मुझपे
शान्त हुये अब मन के शोले
11/01
भूतों की उत्तत्ति/ प्रलय
 अब तक मेरी समझ से दूर
विस्तार पूर्व क समझाये
 उस अविनाशी का नूर
11/2
ज्ञान शक्ति, बल,वीर्य ,ऐश्वर्य
 प्रतिनिधि इनके तुम हो
तेज युक्त वर्णन तेरा है
 मुझे दिखाओ कैसे तुम हो ?
11/3
शक है मेरा मन में किंचित
तुम दूर करो मेरी शंका
अविनाशी स्वरूप का दर्शन दो
देख संकूं मैं बजा के डंका ”
11/4
“दिल में इच्छा पाली ,अर्जुन!
विराट रूप तुम देखो मेरा
नाना वर्णन स्वरूप, प्रकार
 अर्जुन! नाना रूप है मेरा
11/5
देख जरा अब तू ,अर्जुन !
रूप मेरा विस्मय लाता
अदिति ,वसु रूद्र मरूद गण,
 अश्वनी कुमार ये सामने लाता
11/6
जो जाना है तूने ,अर्जुन!,
 मेरे रूप को देख अब
अन्जाना आश्चर्य भरा !
शंका दूर करेगा अब
11/7
Note-(अदिति ,वसु रूद्र मरूद गण,
 अश्वनी कुमार-mythological figures,
 भूतों की उत्तत्ति/ प्रलय
-a great philosophy involved here,
mere thinking beyond the limits
 of the time brings forth
everything in the entirety)
शेष कल

मेरी विनती

कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा

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