Monday 13 March 2017

514----अरे होली है-------











रंगो का त्यौहारहोली की सभी दोस्तों भाई बहनों एवं वुजुरगों को हार्दिक शुभकामनायें एवंबधाई और कृष्णा राधा की बातचीत आपको समर्पित
अरे होली है---------- 

(Hindi Poem/45/1855)(Dedicated to All friends)




       उड़ी रे !चुनरियाँ
चली रे संवरिया
आ्ज़ न सुनने वाली
मैं मतवाली गली गली में
खेलूंगी मैं होली
अरे होली है----------
 कही चले पिचकारी
कहीं पे सारे नाचें
खायें गुजिया,भांग पिलायें
गाते, झूमतें,चूमें
रंग गुलाल का उड़ता जाये
प्यार से सबको अरे देखो ! गले लगायें ,
चली परी मैं तुमसे दूर,
चाल मेरी मतवाली
 आ्ज़ न सुनने वाली –

अरे होली है----------1
मस्ती का त्यौहार निराला
दुखों का निकला है दीवाला
अंब तो खुशियां मुझेबुलाती
दूर मैं तुमसे खेलने जाती
 अरे खेलना हो, तो
आ जाना
न् करना तुम कोई बहाना
 अब ना पीछे  ------- छे
 मुड़ने वाली---
आ्ज़ न सुनने वाली
मैं मतवाली
गली गली में
खेलूंगी मैं होली
अरे होली है----------2
तुम्हें देखते ,
सभी बुलाते ,
क्या हो जाता ,


आज काम पे ना जाते !
मिलके गाते,
सबसे मिलते,
 खुशियां बांटते,
गमों को हरते
 दिल में जगह तुम !,
सबकी बनाते
बिछुडो को तुम
आज मिलाते,
गमों ने तोड़ी ------अरे
जिनकी डाली---
आ्ज़ न सुनने वाली
मैं मतवाली
गली गली में
खेलूंगी मैं होली
अरे होली है---------
-होली की शुभकामनायें

(अर्चना & राज)


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