Tuesday, 14 March 2017

515---आज का गीता जीवन पथ


आज का गीता जीवन पथ

ग्यारवाँ अध्याय 
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश JUDICIARY के नाम ;HONBLE COURTS AND ADVOCATES ;उनकी महनत परिश्रम के प्रतिफल केवल हम सुरक्षित RULE OF LAW कायम है ,हम जिनकी सेवाओ से प्रेरित गौरवान्वित होते हैं)

“जीवन में परिस्थिति ऐसी ,
रणभूमि में आना ;मजबूर हुये
 मन में इतने सारे भ्रम ,
हे माधव !तुमने दूर किये
11/8
हे माधव !कौन है अपना जग में?,
 कब, कौन यहाँ पराया ?,
साथ ना जीवन अपना देता,
 ये तो चलती फिरती माया
11/9
गुरूत्व ज्ञान को पाया तुमसे,
अर्थ जीवन का समझ में आया
छ्ट गये काले बादल अब
 तेज रोशनी सूरज लाया
11/10
ज्ञान प्रकाश हमें आलोकित करता
अज्ञान अंधेरा हट जाता,
जीवन- मरण का फर्क कहां,
ज्ञान मिले पता चल जाता
11/11
जहाँ में आना अपना होता
ज्ञान न होता सबको नसीब
अज्ञानी हैं जहां में वे
लड़ते कहते तेरे करीब
11/12
सत असत का फर्क न जाने ,
बन अज्ञानी तेरी राह कों पकड़े
ज्ञान मिले हटता अंधेरा,
 झूठ छोड़ते ;सत्य मान के जकड़े
11/13
हे माधव !ज्ञान दिया तुमने मुझको,
 उरिण ना तुमसे हो पायेंगें ,
सत्य की सत्ता कायम हो
राह यही अपनायेगें ”
11/14

शेष कल
मेरी विनती

कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा



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