Thursday 29 June 2017

613---आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ

18वां अध्याय 
*Chapter 18*
_Let Go, Lets move to union with God_
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(1 8 वां अध्याय समर्पित है सभी शिक्षकों के नाम; जिनकी मेहनत से देश-विदेश में बच्चों का जीवन केवल ज्ञानवान समृद्धशाली बनता है बल्कि स्वयं को मोमबत्ती की तरह जला कर देश- विदेश में उजाला करते हैं , जिनके लिए समाज कृतज्ञ रहता है अतः हम सबको और भी परिश्रम कर देश का नाम रोशन करना चाहिए. गीता पाठ से स्पष्ट है कि जीवन में ;अंत में कुछ भी नहीं)



पापा यू बनके ना जिए

अच्छा हो ;करना है सबको
ज्ञान विशुद्ध जब साथ में रहता
 मुकाम भी मिलते हम सबको
18/107
 तलवार का जिसने लिया सहारा
अल्पकाल का डर बुलाता
समय बदलते शून्य हो जाता
सफल जगत में ना हो पाता
18/108
दोषयुक्त यदि लगता जिनको
मिलकर दोषमुक्त करें सब
अरे जीना है तो जियो शान से
 अपमान को मिला सम्मान है कब
18/109
आग सुलगती धुआ भी उठता
7 गुणों के दोष bhi रहता
जो कुछ कर सकते नहीं
दोष निकाले ;काम नहीं चलता
18/110
आसक्ति ना मन में है
भुला भला-बुरा बेअसर  रहे
जग है चंद दिनों की माया
सत्य ज्ञान से यही कहे
18/111
सुख दुख माया मोह
आस-निराश का फर्क नहीं
अंतकरण है साफ शुद्ध
आगे इसके तर्क नहीं
18/112
अश्रुपूरित आंखों में रहता
परमतत्व को ज्ञान से देखें
सोते जगते लगन है दिल से
वही सत्य! नजदीक से देखे
18/113
योगी महान तुम उसको मानो
 दिनभर मनन ध्यान वह करता
दिल है उसका  शुद्ध साफ
 नफरत किसी से ना करता
18/114

शेष कल

मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा

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