आज का गीता जीवन पथ
18वां अध्याय
*Chapter 18*
_Let Go, Lets move to union with God_
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(1 8 वां अध्याय समर्पित है सभी शिक्षकों के नाम; जिनकी मेहनत से देश-विदेश में बच्चों का जीवन न केवल ज्ञानवान व समृद्धशाली बनता है बल्कि स्वयं को मोमबत्ती की तरह जला कर देश- विदेश में उजाला करते हैं , जिनके लिए समाज कृतज्ञ रहता है अतः हम सबको और भी परिश्रम कर देश का नाम रोशन करना चाहिए. गीता पाठ से स्पष्ट है कि जीवन में ;अंत में कुछ भी नहीं)
धर्म बड़ा है सुंदर अपना
समय बदलता परिवर्तन लाए
नहीं किसी को लगे चुनौती
परिवर्तन ही धूम मचाए
18/98
गुण रहित अपना धर्म भी अच्छा
औरों की क्या नकल करें
आई विकृति दूर करें सब
जीवन अपना हम सफल करें
18/99
अपने घर की अपनी समस्या
लोभ लालच से घर है टूटता
हमें बेइज्जती औरों से मिलती
भय का भाव दिल में रहता
18/100
दूर करें सब मिल के जन
सबका भला और ज्ञान महान
सुख स्वतन्त्रता धर्म (अपना) ही देता
पार्थ!स्वप्रया्स करें और तत्व को जान
18/101
विकृति भी भर देता है
रहे गुलाम धर्म भी सहता
श्रेष्ठ अपना धर्म जगत में
तलवार के बल पर ना चलता
18/102
प्यार मोहब्बत शांति अहिंसा
जग को धर्म ही भरता चलता
मिल -बैठकर देखें अपनी समस्या
समाधान समाधान भी मिलता रहता
18/103
अपनी समस्या ,अपना समाधान
हल् भी खुशियां लाते हैं
सव का जीवन रहे खुशाल
दिल को ये भरमाते हैं
18/104
वक्त निकालो औरों को तुम
समाज ने तुमको यह मुकाम दिया
मिल जुलकर रहना सीखो
धर्म ने तुमको यह काम दिया
18/105
श्रेष्ठ अपना धर्म जगत में
तलवार के बल पर ना चलता
प्यार मोहब्बत शान्ति अहिंसा
दुख भी जग से हरता चलता
18/106
शेष कल
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना व राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद ब खुद समाप्त हो जायेगा
No comments:
Post a Comment