Wednesday, 24 May 2017

584-----आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
15वां अध्याय 

*Chapter 15*
Give priority to Divinity_
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश के बच्चों के नाम ,जिनका मुस्कुराहट से भरा हुआ चेहरा हमारी न केवल थकान को मिटा देता है , बल्कि कल के भविष्य के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता है) 

 पुरुषोत्तम कह सम्मान करें
अविनाशी सर्वदा सदा रहता
करता हरता धारण करता
 कभी न मरता सदा ही रहता
15/48
अविनाशी आत्मा जगत में
कभी ना मरता है वो
 आता-जाता क्रम चलता
फर्ज कर्म का निभाता है वो
15/49
ज्ञानी वही पुरुष है
तत्वज्ञान को जिसने जाना
चिंतन करता मुझको भजता
रहस्य जीवन का उसने माना
15/50
अर्जुन! समझो इस रहस्य को
शास्त्र ज्ञान दिया है सबको
धरा धरोहर है मेरी
ज्ञान भी मिलता मुझसे सबको
15/51
जो कहे गोपनीय जग में
कथनीय करता जाता हूं
जग कल्याण हित को सा धू
 पार्थ !तुम्हें मैं बतलाता हूं
15/52
 ज्ञानी ज्ञान से कहता है
सत्य को उसने जाना है
कृतार्थ करे जग सारा
पूजनीय जगत ने माना है
15/53 
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा



अध्याय समाप्त

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