Tuesday, 23 May 2017

582---आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
15वां अध्याय 

*Chapter 15*
Give priority to Divinity_
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(समर्पित है देश के बच्चों के नाम ,जिनका मुस्कुराहट से भरा हुआ चेहरा हमारी न केवल थकान को मिटा देता है , बल्कि कल के भविष्य के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता है)




हर भूतों का संकल्प
 केबल जहां में मैं हूं
जीवन संचित होता मुझसे
सांसों का कारण मैं हूं
15/41
ससमय शीतलता देता
चांद जैसा चमकता मैं
धातु पुष्ट होती है मुझसे
 बात ये कहता तुमसे मैं
15/42
भोजन का कारण बनता
भक्ष्य भोज्य लेह चोश्य चाहे
जीने का माध्यम बनता
भूली बिसरी मुझसे राहें
15/43
मैं ही स्वामी अंतर्यामी
स्मृति ज्ञान अपोहन मुझसे
वेद माध्यम मुझको जानो
ज्ञान प्रसारित होता है मुझसे
15/44
 संसार नाशवान है पार्थ
इसको समझे जाने सब
करें प्रयास रुके नहीं
 यहीं रह स्य सब जाने अब
15/45
 सभी से उत्तम है परमेश्वर
जीवन का कर्ता धर्ता वो
जीवन का कारण है  वो
वो ही देता हरता है वो
15/46
मैं ही उत्तम सर्वोत्तम पार्थ
अविनाशी महापुरुष जग कहता
धारण मारण पोषण मुझसे
रक्त जीवन का मुझसे बहता
15/47
शेष कल

 मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा


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