Tuesday, 27 October 2015

0000269--इन्फैन्टरी दिवस पर शुभकामनायें (Hindi Poem-J/036/0000539)



इन्फैन्टरी दिवस पर शुभकामनायें 
बन्दूक हाथ में जिसके हो, 
जुनून देश का जिस में हो, 
बढ़ते कदम देश की रक्षा ,
बदन गर्व से जिसका हो I1I

आग बरसती गर्मी में जो,
ठण्ड सिकुड़ती राहों में ,
सैलाब आसमाँ से भी ,
सर झुकाये बांहों में I2I

गर्व से जीवन जीता है,
सम्मान देश का करता है ,
शक्ति अनोखी,शक्ति अलौकिक, 
ये तो मेरे देश का सैनिकI3I

कहीं छिपा. हो दुश्मन ,
कदमों की आहट को सुन ,
भय से का कांपै उसका तन मन,
पूंछ दबाये भागेदुश्मनI4I

सैनिक जब भी आता है ,
दुश्मन मौत को पाता है,
उसकी सारी चालों को,
सैनिक अपना मिटाता हैI5I

छिपे हुये गद्दारों से ,
देश के दुश्मन ,मक्कारों से,
इसी बात को कहना है 
,मेरे सैनिक के वारों से ,
दुश्मन का बचना मुशिकल, 
सारे षणयन्त्र विफल,
आज नहीं तो कल, 
उसे मिलेगा इसका फलI6I

सैनिक अपना आता है ,
वही निजात दिलाता है ,
गर्व से जीवन जीता है, 
सम्मान देश का करता हैI7I

देश ऋणी है तेरा,
उऋण न हो पायेंगे ,
सम्मान देश का तुझको ,
शब्द यही कह पायेगें ,
सम्मान तेरा सब करते हैं.
तू. सम्मान देश का करता है,
गर्व से जीवन जीता है, 
सम्मान सभी से पाता हैI8I
जयहिन्द

(अर्चना व राज)

I also extend my best wishes as I have spent 11 years in their neighborhood while serving KVS and got a lot of attachment ,help and support ,everywhere .All the best wishes

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