दम्भ नहीं जलता,
मेरा टूटा मन,
ज्यों टूटे दर्पन,
दुनिया फानी है ,
सिर्फ कहानी है,
दरिया का उठता गिरता पानी है,
झूठ के दरवाजे ,
सहमा है बचपन,
किस-किस को समझें,
किसको हम जाने,
मतलब के रिश्ते !,
कैसे पहचाने,
जलता हुआ तवा ,
रिश्ते छन-छन,
रोज दशहरा है,
रोज दीवाली है,
अपहृत मर्यादा,
कुटिया खाली है,
दम्भ नहीं जलता,
जलता है रावन
Contributed by हमारे मित्र कवि जय प्रकाश नायक
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