वीरू की विदाई
अश्रु
भरें आंखों से कहते ,
वीरू बेला विदाई की आई ,
खेल से तेरे रौनक चेहरे ,
मायूसी लाई तेरी जुदाई II1II
आयेगें
और जायेगें ,
क्रम ये चलता रहता ,
गैप कभी न भरता,
याद दिलों में रखताII2II
चौके
छक्कों' की बारिश ,
तेरी याद दिलायेगी ,
तूने रक्खा देश का मान ,
सदा याद तेरी आयेगी
II3II
खेल सराहा पाकिस्तान ,
तुझे नवाजा “मुल्तान का सुल्तान”,
लोहा तेरा
सबने माना ,
गर्व करे सारा हिन्दुस्तानII4II
बाप-बाप होता है ,
बेटा सदा आपसे
सीखा,
सिरमौर बना ट्रिपल सैन्चुरी,
खेलते हम ने भी देखा II5II
खेल
से कभी अलग न रहना,
तेरी हिदायत काम आनी है,
नव पीढ़ी भी करे तरक्की ,
बाल
की फिरकी तुझेसिखानी हैII6II
ऱाज किसी का ना होता ,
राज सदा यहां बदलता,
योगदान
जिनका होता ,
याद दिलों में, वही बनाताII7II
आने वाले पल हों!! ,
सुख समृद्धी
तुम्हें मिले,
खुशी से ये जीवन बीते ,
चेहरा तेरा सदा खिलेII8II
( अर्चना & राज)
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