आज का हास परिहास.
(चलो साहित्य की गोद में)
श्रृंगार रस का गीत
मैं, घर से बाजार जा रहा था,…./////…
. मेरे आगे ट्रक था………….
जिसपे लिखा था ….
.”देख सखी तेरे साजन आता …”
मैं,सोच या
……-------
.एक बात क्यों
?.......पूरी बात नहीं बता रहा है ………
…चलो ……हम बता दे
----------- पूरी बात
“ रुक ……
रुक
.देख सखी ,
तेरा साजन आता,
देख तुझे,
वो मुस्काता ,
हौले-2,
कदम बढ़ाता,
वो तो तुझ से,
मिलने आता,
नजर उठाता,
नजर गिराता,
मन का भाव,
यही कहता,
आता तुझसे,
प्यार जताता
.देख सखी ,
तेरा साजन आता--------(1)
तेरा साजन,
बिल्कुल न्यारा,
लगता हीरो ,
जैसा प्यारा,
भाग्य तेरे जो,
तुझे मिला ,
तन मन तेरा ,
इससे खिला ,
सच्चा प्यार ,
यही बताता ,
नाता कभी ना,
तोड़ा जाता,
देख सखी ,
तेरा साजन आता------(2)
करूं प्रार्थना,
दिल से मैं,
दुःख में तेरे,
साथ चलूं मैं,
तुझे मिले,
प्यार का सेहरा,
मुस्कान नाचती,
झूमता चेहरा,
सारे दुख मैं ,
सह लूंगी,
तुझे दुआएं!,
दे दूंगीं ,
खुल के सबसे,
कह दूंगीं ,
वादा मेरा,
(तेरा) प्यार बढ़ाता,
देख सखी ,
तेरा साजन आता------(3)
जो भी मुझे,
मुकाम मिला,
तन मन मेरा,
इससे खिला ,
मेरी खुशी के,
पीछे तू है,
मेरी खुशी का ,
राज भी तू है,
मेरा जीवन,
तेरा - आना ,
मिला खुशीका ,
नहीं ठिकाना ,
आगे इसके ,
क्या बतलाऊं? ,
बन के तेरी ,
सखी निभाऊं,
नेक इरादा ,
तुझसे वादा,
रिश्ता मेरा,
यही निभाता
तेरा साजन आता------(4)-----
अर्चना व राज
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