एक प्यारा सुन्दर सा घर
एक
प्यारा सुन्दर सा घर,
जिसमें मिलती सुविधा हर ,
नहीं चाहिए अगर मगर,
ओं ऐ! रब्बा जल्दी
दे दे ऐसा घर
II1II
जब
भी जाते ,
घर में आते,
घर में आते,
मीठा सा एहसास कराता,
हर पल अपनी याद दिलाता ,
बाधे रखता प्रेम
की डोर ,
प्रेम बढ़ाता अपनी ओर ,
सारी नफरत ,सारे झंझट,
पल में जाते टर ,
ओ ऐ रब्बा !जल्दी कर ,
मुझको
जल्दी दे दे घर
,II2II
मिलता
शुकून सबको इसमें ,
नफरत कभी ना रहती जिसमें ,
प्रेम से सारी बातें होती ,
प्रेम में
ही ना ना होती ,
मुशिकल टरती,
दुखड़े हरती ,
घर में पूजा पाठ भी होती ,
साथ बैठ सब खाना
खाते ,
दुनिया की बातें करते,
महन्त सारे मिल के करते,
घर भी कहता “काम कर” ,
ओ
ऐ रब्बा !जल्दी कर ,
मुझको जल्दी दे दे घर
II3II
सारे
होते महनत कश,
ना इसमें होते टश से मश,
काम बिगडता,
भविष्य की चिन्ता ,
इनसे होते सारे
मुक्त,
कोई ना होता घर में सुस्त ,
पढ़ने वाले समय पे पढ़ते ,
सोच समझ के खर्चा करते ,
किचन
खिलाता बढ़िया खाना,
हंसते -2 अंगुली चाटना ,
ओ ऐ रब्बा !जल्दी कर ,
मुझको जल्दी दे दे घर
II4II
नन्हें-मुन्नों
की किलकारी,
ना जिस पे रुकती हँसी हमारी,
हम भी बच्चा बन जाते ,
मीठी -तोतली आवाज बनाते,
जब बच्चा मुस्काता जोर से ,
प्यार दिखाता अपनी ओर से,
इतनी जोर से हम भी हंसते,
अपने
पड़ोसी के आंसू चलते ,
प्रजातन्त्र होता घर में ,
रहता वहाँ न कोई डर ,
रहता वहाँ न कोई डर ,
ओ ऐ रब्बा !जल्दी
कर ,
मुझको जल्दी दे दे घर
II5II
Wish you
Jaldi Ghar ( अर्चना & राज)
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