Tuesday, 19 September 2017

682----ये तस्वीरकुछ बोलती है

Poem (C A/43/1980)
ये तस्वीरकुछ बोलती है

मन करता था पढ़ने आते
मन करता था ,मौज उड़ाते
जब भी लेक्चर सुनने मिलता
दुखी मेरा मन हो जाता
पीरियड खाली ;अच्छा लगता
कुछ तेरी सुनता ,अपनी कहता
 काश !वो दिन लौट के आए
मस्ती के पल फिर मिल जाएं------ 1
कॉलेज का अंतिम दिन था मेरा
मन भी भारी सुबह सवेरे
किससे अब मिलना और बिछड़ना
लगता टूटे सपने मेरे
बीत गए दिन अपने भी
कभी ना वापस आएंगे
 सबका साथ मिला था प्यारा
 यादों में हम खो जाएंगे
बीते पल के बीते लम्हें
 कोई तो आए याद दिलाएं
काश !वो दिन लौट के आए
मस्ती के पल फिर मिल जाएं------ 2
यादें साथ सदा चलती है
जीवन की ये अनमोल रतन
मीठी मीठी याद के साऐं
सदा करेंगे हम जतन
मम्मा पापा गुरुओं की
वो अनमोल सलाह
साथ रखेंगे ,हम बढ़ेंगे
यह जमाना हमसे है
देश का नाम हम रोशन करेंगे
फिर मिलेंगे मेरा वादा
 यादें मीठी मुझको याद दिला ऐ
काश !वो दिन लौट के आए
मस्ती के पल फिर मिल जाएं------ 3


(अर्चना व राज)

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