Wednesday, 24 August 2016

0360---आज़ खुशी का दिन है आया, (Hindi Poem-kha/51/1562)

आज़ खुशी का दिन है आया,
(Hindi Poem-kha/51/1562)
सजते सवंरते लोग सभी,
देखा पहले नहीं कभी ,
आज़ खुशी का दिन है आया,
मुझको सबने यही बताया ,
दिन है बड़ा सुनहरा आज,
छोड दो अपने कामकाज,”
मिल के चलो मनाते हैं ,
खुशियां मिलके बांटते हैं ,
रहे मुबारक जन्म- दिवस,
हम खुशियां मिलके बांटे बस,-------1
साल भी बीते, दिन भी गुजरे,
कहाँ छिपा है कान्हा रे !,
मुझे मुबारक देनी तुमको ,
दर्शन दे दो अब हमको,
साल हजारों बीत गये,
नहीं हुये हम टस से मस ,
रहे मुबारक जन्म- दिवस,
हम खुशियां मिलके बांटे बस------2
जितना सताना सता लो तुम,
मिले बिना ना जाये हम ,
याद में तेरी हम पागल,
तन मन भी है अपना घायल,
तरस जरा दिखला दो ना ,
हमकोअपना बना लो ना ,
इन्तजार भी कर लेगें ,
हर आफत को सह लेंगे,
तुम्हें परीक्षा लेनी कान्हा,
अरे ले लो हम भी नहीं विवश -,
रहे मुबारक जन्म- दिवस,
हम खुशियां मिलके बांटे बस---3




जन्माष्टमी की सभी को शुभकामनायें (अर्चनावराज)

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