नटखट नन्द गोपाल
नटखट नन्द गोपाल,जय गोविन्दा, जय गोपाला
मैया खेल रहे तेरे आंगन में,
मैं ढूढ रही घर द्वार,
पागल बन हर बार,
पागल बन हर बार,
सजा के मूरत मन में
मैं भटक रही संसार,
खिला दो फूल
मेरे उपवन में----1-----नटखट नन्द गोपाल-----जय गोविन्दा, जय गोपाला-
आवत याद मुझे,
तेरा रूप सलोना प्यारा,
मैं पागल बन के,
मैया ढूढ रही राजदुलारा,
सजा दो मेरा घर,
मिला दो इस सावन में-----2-----नटखट नन्द गोपाल----जय गोविन्दा, जय गोपाला---
मन मेरा नाचे, झूमें ,
बाध के घुंघरू पांव में,
मैं प्रेम दीवानी बन के,
रहूं सदा तेरी छांव में,
पाना दिल से मुझ को,
यहि प्यार साजन में,-----3------नटखट नन्द गोपाल------जय गोविन्दा, जय गोपाला--
(सोमारू प्रधान व राज)
No comments:
Post a Comment