Friday 13 February 2015

0173----जरा देश धरोहर अपने लाडलों की भी सुनो !(HindiPoem-093)


सारी साल रहे घूम् ते,
खाते पीते रहते मिलते,I
न की पढने परवॉ,
लड़ना सीखा चलते चलते II
आये परीक्षा के दिन,
लगे खूब घबराने I
कैसे किस् को, क्या करें ?,
चिन्ता लगी सताने II
सारी रात पढ़े फिर ,
याद नहीं कुछ होता I
होंगें फेल या पास ,
मन रह -रह कर रोता II
विकल्प बचा न कोई,
प्रभु सुनो मेरी फरियाद,I
ऐसी कृपा करो, हे! भगवान,
रहे सभी मुझे यादII
‘प्रोमिस’ करता दिल से मैं ,
अब की महनत खूब करूंगा I
'फ़ास्ट फूड' की बातें दूर ,
खिचड़ी खाकर पेट भरूगाII
रहेगा टेंशन मुझसे दूर,
सुबह करूंगा दही का सेवन I
पार्टी- वार्टी छोड़ सभी मैं,
खाना घर का करूंगा सेवन II
सुनना, बोलना, पढ़ना, देखना,
लिखना बनेगें दोस्त मेरे I
रहेगी पढ़ने की गुडवत्ता साथ
करूंगा दर्शन मन्दिर में तेरेII
समय का महत्व समझ गया,
काफी समय बर्वाद गया है मेरा I
“जो बीत गया ,सो बीत गया”,
अभी के पल बनें सहारा मेराII
"ओ! मेरे अच्छे भगवान,
कहना ले तू मेरा मान,I"
अबकी नैया पार लगा दो,
गाऊंगा, बस, तेरे गुणगानII
 (अर्चना व राज) 

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