Thursday 16 November 2017

720---मेरा विरोध (AZ/1/2001) ओ !मवाली ,देश द्रोही ,भंसाली



मेरा विरोध
(AZ/1/2001)

!मवाली ,देश द्रोही ,भंसाली
हेलो! इन तस्वीरों को देख कर मन में यह विचार आया कि वास्तव में बॉलीवुड कला के नाम पर समाज में नकारात्मकता फैला रहा है
!मवाली ,देश द्रोही ,भंसाली
महापुरुषों का अपमान 
राह देखता तू आसान 
अबकी बारी हमारी है 
नहीं सहेंगे हम अपमान
हंसते -2हम कुर्बान 
सोये शेर को तूने जगाया 
बड़े दिनों के बाद 
गुस्सा मुझको भीआया---1

बैण्ड बजानी तेरी है 
छुट भैय्या साथ ना देगें तेरा 
अवार्ड वापसी गैंग भी आये 
दांत तोड़ देंगे हम तेरा 
मेरा मन भी करता है 
उठ के तुझको दूं गाली
अक्ल कहां गई तेरी 
!मवाली ,देश द्रोही ,भंसाली
जिद को अपनी छोड़
प्यार से सबने समझाया 
क्यों मति मर गई तेरी 
क्या अभी समझ आया 
बड़े दिनों के बाद 
गुस्सा मुझको भीआया-----2

गुन्डो से मुक्त करो बॉलीवुड
राज सभी ने ये खोला 
पीके टीके नजरंदाज किये
परआज शेर ने मुंह खोला 
दाउदभी भाग गया 
अब की बारी तेरी है
तू भी जा उसके पास 
सलाह फ्री ये मेरी है 
जानबूझके दुश्मन से मिल
षणयन्त्र ये तूने रचाया 
अकल कहां गई तेरी 
समझ मेंअबतक आया
बड़े दिनों के बाद 
गुस्सा मुझको भीआया--------3

विश्वास मेरा है अब 
डिगा कोई पाये
फिल्म तेरी नहीं चलेगी 
तुझे बताने हम आये 
गया जमाना गुजर गया 
मान सम्मान को हम जाने 
एक कर गई वो रानी
कुर्बानी उसकी अब जाने
गहरी चोट करो दिल पे !
कला समझाती ये बाला 
पैरों का धूल नहीं हो!
अक्ल पे पड़ा है इसके ताला 
वक्त अभी है समझ ले तू 
यही बताने में आया 
बड़े दिनों के बाद 
गुस्सा मुझको भीआया------4

दाउद का पत्ता है तू
पैसे की तेरी भूख बड़ी 
पैसा तेरा जीवन है 
वरना कौनसी लड़ाई तूने लड़ी 
दुश्मनका एजेन्ट बने हो
लोगों को बांट दिया तुमने 
हमे सिखाते हो तुम !
इतिहास लिक्खा है खून से हमने
दाग लगने देगें 
जान ले !यही बताने मैं आया
बड़े दिनों के बाद 
गुस्सा मुझको भीआया

अर्चना राज


No comments:

Post a Comment