Tuesday 4 July 2017

618---आज का गीता जीवन पथ

आज का गीता जीवन पथ
18वां अध्याय 
*Chapter 18*
_Let Go, Lets move to union with God_
जय श्री कृष्णा.
सबका भला हो !
(1 8 वां अध्याय समर्पित है सभी शिक्षकों के नाम; जिनकी मेहनत से देश-विदेश में बच्चों का जीवन केवल ज्ञानवान समृद्धशाली बनता है बल्कि स्वयं को मोमबत्ती की तरह जला कर देश- विदेश में उजाला करते हैं , जिनके लिए समाज कृतज्ञ रहता है अतः हम सबको और भी परिश्रम कर देश का नाम रोशन करना चाहिए. गीता पाठ से स्पष्ट है कि जीवन में ;अंत में कुछ भी नहीं)


 हे भरतवंशी! क्या अच्छा ,क्या बुरा,
शरण में तू ईश्वर की जा
वही तेरा कल्याण करेगा
कृपा भी तू उसकी पा
18/154
प्राप्त करेगा परम शांति
परमतत्व ही मार्ग प्रशस्त करें
जो भी तेरी चिंता फिक्र
उसकी कृपा तुझे आश्वस्त करें
18/155
परम शांति व परमधाम
जो शरण में जाता पाता है
चंद दिनों की माया जगत में
सत्य ज्ञान वह जानता है
18/156
 परम ज्ञान भी मैंने सुन
साथतेरे बांट लिया
जैसा तुझको समझ में आए
तुझ पर मैंने छोड़ दिया
18/157
मन तेरा जो कहता है
तुझको कब लेना निर्णय
साथ सत्य के खड़ा रहेगा
या झूठ के साथ रहेगा निर्णय
18/158
 कहना तुझसे परम धर्म है
शिष्य मेरा तू प्यारा है
जगत में अनुपम तू विलक्षण
यहां तू सब से न्यारा है
18/159
रहस्य भरी मेरी बातें
तुझको मैंने बता दिया
हितकारी वचन भी मैंने
साथ तेरे बांट लिया
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 ध्यान लगा तू मुझ में अपना
प्रणाम भी तू मुझको कर
 जीवन तेरा धन्य रहेगा
नहीं किसी से कभी तू डर
18/161
 शेष कल
मेरी विनती
कृपा तेरी काफी है ,प्रत्यक्ष प्रमाण मैं देता
जब-2 विपदा ने घेरा ,गिर ने कभी ना तू देता
साथ मेरे जो पाठ है करते ,कृपा बरसते रखना तू
हर विपदा से उन्है बचाना ,बस ध्यान में रखना कृष्ना तू
निपट निरक्षर अज्ञानी है हम ,किससे, क्या लेना, क्या देना I
कृपा बनाये रखना, कृष्णा, शरणागत बस अपनी लेना II
(अर्चना राज)
नोट- जो लोग जातिवाद कहते हैं,उनके लिए जरूरी है कि वे कृष्णा धारा से जुड़े I
कृष्णा ने मानव कल्याण की ही बात की हैं जातिवाद खुद खुद समाप्त हो जायेगा

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