Sunday, 13 December 2015

0288-जय बाबा गोरखनाथ (HindiPoem-M016/00671)


जय बाबा गोरखनाथ

(HindiPoem-M016/00671)

महिमा तेरी अपरम्पार,

करता सबसे तू है प्यार ,
जो भी आता तेरे द्वार,
करता सबका तू उद्धार
I1I
पावन नगरी तेरी है ,
जो भी आता तेरे धाम ,
प्रेम से लेता तेरा नाम ,
बनते उसके बिगड़े काम ,
उनकी जो भी थी तकरार ,
आते देखे करते करार
होता सबका बेड़ा पार


महिमा तेरी अपरम्पार,
करता सबसे तू है प्यार ,
जो भी आता तेरे द्वार,
करता सबका तू उद्धार
I2I
दूर दूर से आते जन
पावन करते अपना तन मन
सम्बन्ध बनाने यहाँ पे आते
सोया अपना भाग्य जगाते
प्रेम की बहती सदा वहार 
जो भी आता तेरे द्वार,
करता सबका तू उद्धार,

महिमा तेरी अपरम्पार,
करता सबसे तू है प्यार ,
जो भी आता तेरे द्वार,
करता सबका तू उद्धार
I3I
भईया आना भाभी लाना
साथ मे बच्चे अपने लाना
दादा दादी ध्यान में रखना
अम्मा बापू से भी कहना
बाबा की है पावन नगरी
यही ध्यान में अपने रखना
छोड़ के अपने सारे बहाना
बाबा के तू आना द्रार ,
होगा सबका बेड़ा पार ,
करते सबका बे उद्धार
महिमा तेरी अपरम्पार,
करता सबसे तू है प्यार ,
जो भी आता तेरे द्वार,
करता सबका तू उद्धार
I4I
( अर्चना & राज)
Yesterday,I got blessed in the Temple and composed these lines there.Jai Ho Baba Gorakhnath !Sabka bhala kerna.

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