Tuesday 17 November 2015

0281-एक शराबी- पिन्नी- नशीली (Hindi Poem-0625) ,

दीवाली के अवसर में मुझे एक शराबी मिला और उसने जो सलाह दी ?-----
आपके सामने है------- ये है दर्द भरी दास्तान ------
एक शराबी- पिन्नी- नशीली
(Hindi Poem-0625) ,
आज का शिक्षा प्रद हास परिहास
अरे ! तुम क्या उजाला दिखाओगे ,
दुनिया में अंधेरा छाया है ,
लगा ली है पिन्नी- नशीली ,
हमने अंधेरा मिटाया है ,
मौज है पिन्नी- नशीली लगाने में ,
नफरत मिट जाती हैं ,
साथ जाम लगाने में ,
बढ़ी दूरियां घट जाती हैं,
ये दुनिया मुसाफिरखाना है ,
ये ना हमारा ठिकाना है ,
फिर क्यों अफसोस करें हम,
नशीली लगायें और मौज करें हम,
इसी ने तो दिल से लगाया है,
सबको अपना बनाया है----------------1
मौका आने का मिलेगा कि ना
गफ्लत में पड़ना हमको ना
भरोसा करना आता नहीं ,
किसी ने की कभी दिलाया, नहीं ,
जब तक है सांस ,
तव तक है आस,
सुबह उठना है ,
गले लगाना है ,
लगा लो पिन्नी- नशीली ,
विन बारिस जमीन गीली ,
पैर फिसल गया है ,
जमीन पै गिर गया है,
किसी ने ना उठा या है,
इसी ने तो दिल से लगाया है,
सबको अपना बनाया है----------------2
अरे !समझाने वाले मिले है इतने,
आसमां में तारे जितने ,
सलाह फ्री में देते हैं ,
जोश से भर देते हैं ,
इनसे काम चलता नहीं ,
धन्धा कोई मिलता नहीं,
चैन से बैठ सकते नहीं ,
पंगा ले सकते नहीं
आप भी आओ,
समझाओ,
या तो गले लगा ओ ,
मेरा घर बस ने दो ,
प्रेम बरस ने दो ,
वरना 30 रूपये थमा ओ,
नापो ,अपने रास्ते जाओ ,
पिन्नी- नशीली मैं हूँ मगाया
इसी ने तो दिल से लगाया है,
सबको अपना बनाया है----------------3
इधर का तनाव ,
उधर का तनाव ,
पैसा बनाते,
हम को लड़ाते,
अपनों को खोयें
किस-2 को रोयें ,
किस-2 को फरियाद करें,
खुशामद, पैसा भरें,
हम ना की किसी को याद करें,
अरमानों को मिटाया है
पिन्नी- नशीली ने गले लगाया है
इसी ने तो दिल से लगाया है,
सबको अपना बनाया है----------------4
------------------hahahheeez! हंस लो दुनिया वालों
(अर्चना व राज)

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