Friday, 4 September 2015

00246------शिक्षक दिवस की शुभकामनायें (Hindi Poem-H-005/405)



शिक्षक दिवस की शुभकामनायें
(Hindi Poem-H-005/405)

यह देश रखे दिल में स्थान,
गुरु यहाँ का पथप्रदर्शक ,
अंधियारे को को दूर हटाता ,
यही हमारा मार्ग प्रर्दशक I1I

 जलती बाती यही सिखाती,
गुरु समान यह जलती है,
प्रकाश फैलाती ,मन हर्षाती ,
पीढ़ी दर पीढ़ी ये चलती है I2I


त्याग गुरू का सर्वोपरि ,
भरपाई नहीं हो सकती ,
पिघले मोम समान,गुरू
पर ज़ीवन में रस भरती है I3I


ईर्षा, द्वेष ,जलन से दूर,
नफरत की दीवारें गायब ,
जीवन मूल्यों से भरती ,
यही गुरू- तरीका नायब I4I


अपने बच्चों को आगे लाना,
बार-बार समझाना ,
कैसे बच्चा आगे आये ?,
यही गुरू का प्रेम तराना I5I


जब से देश में “टीचर “आया,
पैमाना हमने बदल दिया ,
अपने काम से काम रखना,
स्वयं में उसको सिमट दिया I6I


जांत-पांत,”वादो “की दीवारें,
जिसने देश में की खड़ी ,
मिली गुरू की शिक्षा ना ,
विपदा इससे आन पडी I7I


जलती दुनिया! आज के दिन,
किस मोड़ पे आके हुई खड़ी,
इंशान बना इंशान का दुश्मन! ,
किन, सिद्धान्तों पे खड़ी लड़ी ?I8I


विश्व देखता, विश्व जानता,
दुनिया की तकदीर बदलें ,
भारत आगे आये फिर से,
प्रेम की गंगा फिर से निकले I9I


गुरू के कन्धों पे है भार ,
कच्चा माल है उसको मिलता,
हर पल ,हर दिन समय बीतता,
योगदान वो देता रहता I10I


एक बार फिर से अब तो,
गुरु को आगे आना होगा,
ज़ान-विज्ञान मूल्यों की शिक्षा ,
बच्चों को अब देना होगा. I11I


गीता का उपदेश यही,
सदकर्मों का फल मिलता,
शिक्षक बनना भाग्य हमारे ,
शिक्षा से है जग खिलता I12I


कोई हमको मानें या न जाने ,
लेते हम संकल्प अभी,
बच्चों को देगें सर्वोत्तम,
पीछे हटने न देगें कभी I13I


हमको अब तो देश का मान,
फिर से रखना होगा आगे ,
छोड़ो बेकार की बातों को,
देश को लाना सबसे आगे I14I


यही भरोसा, यही विश्वास ,
देश हमारा करता है,
आज के दिन है नतमस्तक,
सम्मान गुरु का करता है I15I

(Happy Teachers Day from अर्चना & राज)












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