Saturday, 5 September 2015

00247---------ओ ! मन मोहक मुरली वाले (Hindi Poem-H006/00406)





ओ ! मन मोहक मुरली वाले
(Hindi Poem-H006/00406)

तेरी अदा, पे फिदा जमाना,
साज बजाता,पल -2 गाता,
हर पल लाता, नया तराना
खोलो ! अब तो बन्द दिलो के ताले
ओ ! मन मोहक मुरली वाले I1I
गीत प्रेम के मिल के गाते,
दिल से तुझको सभी मनाते,
सोया अपना भाग्य जगाते,
ओ ! दुनिया के रखवाले
ओ ! मन मोहक मुरली वाले I2I
प्रेम का तूने पाठ पढ़ाया,
बगिया महकी, रास रचाया,
दुष्टों को तू राह हटाया ,
हम ढूँढ रहे मतवाले,
ओ ! मन मोहक मुरली वाले I3I
मीठी मुरली तूने बजाई,
प्रेम की तूने अलख जगाई,
प्रेम की दुनिया तूने बसाई,
कहाँ छिपा,ओ! वृन्दावन के ग्वाले
ओ ! मन मोहक मुरली वाले I4I
तेरा जीवन रहस्य कहानी,
हरदम सुनते. सबकी जुबानी ,
ताकत तेरी दिल से मानी,
पल में तोड़े तूने ताले,
ओ ! मन मोहक मुरली वाले I5I
जो भी वृन्दावन में आया,
रहस्य जान अज्ञान मिटाया,
तुझको समझा ,मुक्ति पाया,
हां ! उपदेश तेरे बड़े निराले,
ओ ! मन मोहक मुरली वाले I6I
शरण में तेरी जो भी आता,
भेद भाव सब मिट जाता ,
सबका रहता तू ही दाता,
हम भी करते तेरे हवाले
ओ ! मन मोहक मुरली वाले I7I
फिर से पधारो मेरे देश ,
महका दो प्यारा ,अपना देश,
प्रेम शातिं का दे संदेश,
भ्रम को तो ड़ो जो भी पाले
ओ ! मन मोहक मुरली वाले I8I
तेरी अदा, पे फिदा जमाना,
साज बजाता,पल -2 गाता,
हर पल लाता, नया तराना
खोलो ! अब तो बन्द दिलो के ताले
ओ ! मन मोहक मुरली वाले !!

(Wish You all Happy,healthy and prosperous Janmashtmi )
(अर्चना & राज)

No comments:

Post a Comment