Tuesday, 30 December 2014

0160------The Wrong Decision of MS Dhoni To Say Goodbye--Hindi Poem--34



The Wrong Decision of MS Dhoni To Say Goodbye from Test series in Cricket
                   पेंच करो ना ढीले --------करो खेल से मेल



दबाब  किसी  का , स्वयं का हो फरमान,
मूक, स्तब्ध ,शब्द  विहीन, जनता है हैरान
मायूसी छायी सब पर ,युवा हुए  परेशान
 देश  की दौलत धौनी ,तुम बल्लेबाज़ महान
खेल आपका मान देश का ,परचम था लहराया
सिरमौर बना भारत ,शिखर विश्व पर पहुंचाया
बुरा वक़्त तो आता है पर रहता नहीं सदा
संन्यास घोषणा बेमानी यह अच्छी नहीं अदा
वक़्त अभी हाथ में , जा ,सोया देश जगा
निरस्त  करो फैसला नहीं हैं इससे बडी दगा,
मैदान उतरते,खुशीआं मनाते,बच्चे छोड़े आतिशबाज़ी,
वो शख्सअजूबा होगा,देखी न , धोनी करते बल्लेबाज़ी
चौकौ छक्कौ के फूलौं से चेहरे खिलते हैं सभी,
बदलौ अ्पना फैसला नहीं है आया वक़्त अभी
“शरीर आपका”  -----------“देशधरोहर खेल”
पेंच करो ना ढीले --------करो खेल से मेल
(vpZuk ,oa jkt)
 


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