Monday, 18 August 2014

089----Come Forward(Poem-04)

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प्रिय सथियौ 
आऔ मिलकर आगे आऔ ,तुम क्यों पीछे जाते हो
आऔ मिलकर आगे आऔ , ,तुम क्यों पीछे जाते हो I
राणा की संतान हो तुम ,सांगा का इतिहास महान
(आज) देश हुआ कमजोर हमारा ,गाद्दरौ की चली दूकान ,
लिखौ नये दौर की नई कहानी , तुम क्यों पीछे जाते हो II 
इसी तरह से सूते रहोगे ,देश धरम सब खोते रहोगे
गौरवमयी इतिहास तुम्हारा ,कब तक तुम इठलाते रहोगे
आन मान से बढ़ना यारौ ,तुम क्यों पीछे जाते हो II 
एकता मैं शक्ति ',मिलकर आगे आना हैं ,
मिलकर करै सभी विकास ,सबकौ यह समझाना हैं
बच्चौ को दो ज्ञान महान ,तुम क्यों पीछे जाते हो II 
फिर से लिखनी यारौ तुमको ,नये दौर की नई कहानी,
शिक्षा,सेवा ,नीति,सासन,,हैं फिर से पैठ जमानी ,
प्यार से रहना सीखौ यारौ,तुम क्यों पीछे जाते हो I
   ** jkt o vpZuk ** 

 

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