जय श्री राम , जय श्री कृष्ण
सभी को सुख और समृद्धि मिले
विरोध होना, विरोध करना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है हम सभी जानते हैं कि हर व्यक्ति की सोच ,समझ ,कार्य अलग अलग होता है यह मतभेदों के कारण ही है कि हम लोग प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास करते हैं और सभी से मधुर संबंध स्थापित करने की कोशिश करते हैं यदि विरोध भी होता है तब हमें यह मानना चाहिए कि मधुर संबंधों को स्थापित करने के लिए हमें विरोध का सामना करना पड़ता हैऔर सबको खुश करना यह भी संभव नहीं है हां विरोध
के मध्य या विरोध के बोझ तले हमें डरना नहीं चाहिए बल्कि चुनोतियों के रूप में स्वीकार
करना चाहिए
Opposition,
It is not worth trying to harmonize things, people or situations which are simply not compatible.
It is not worth trying to harmonize things, people or situations which are simply not compatible.
Remember everyone has different personalities and it's
important We maintain ours. We can find a harmonious way, even if this in the
distant future. that is out of the differences and protest , we
carve out a way for further progress ,we should accept this as a challenge
rather than being bowed down Under its burden or sway
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