Thursday 17 August 2017

651---विडंबना

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हमारे देश की बड़ी विडंबना हैकि हम अपने ही विश्वासऔर विषयों की तरफध्यान न देकरउन बातों पर ज्यादा जोर देते हैं जो विदेशियों द्वारा हमारे बारे में कही गई होती हैं अक्सर हम उन्हें सही मान लेते हैं चाहे उसके अंदर कितने ही षड्यंत्रकारी विचारधारा या स्वार्थिक उद्देश्य क्यों न छिपे हो या संबंधित का निहित स्वार्थ क्यों न हो ,ऐसा लगता है कि हमारा मनोभाव ,हमारी विचारधारा सबको एक दिशा में मोड़ दिया गया है और हम चाहे अपनी कितनी ही बातें सच्ची हो ,उन पर विश्वास करने के लिए तैयार नहीं होते, जो विदेशी कह देते हैं अक्सर वही हम विश्वास के योग्य मान लेते हैं और उन्हीं पर चलने की अपने को, दूसरों को सलाह देते हैं जबकि वास्तविकता न तो हम समझ पाते हैं और इससे दूर ही ज्यादा रहती है उदाहरण के लिए इनमें एक विषय है ज्योतिष---जिसे हम बड़ी ही कुदृष्टि से देखते हैं और ऐसा लगता है कि जैसे यह कुछ गलत हो या हमारे जीवन में इसकी कोई उपयोगिता ना हो ,वास्तविकता तो यही है कि ज्योतिष महज एक सलाह है और सही सलाह सही समय पर जब मिलती है तो हम अपने जीवन की सार्थकता सिद्ध- सफलतापूर्वक कर लेते हैं दूसरे पहलू पर अगर हम नजरडालें तो हम पाएंगे कि ओशो जैसे विद्वान एवं दार्शनिक ने भी इसे महज बकवास कहा है और आज तरुण सागर महाराज जी तो यह कहते हैं कि अगर घर में शांति चाहिए तो ज्योतिषियों तांत्रिकों कभी घर में अंदर घुसने न देना,यह इसलिए भी संभव है क्योंकि कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ पूर्ती के लिए विषय को बकवास के रुप में प्रस्तुत किया है और उनका महज उद्देश्य धन कमाना होता है उदाहरण के लिए एक टेलीफोन मैंने TV चैनल के ज्योतिष प्रोग्राम प्रस्तोता के यहां किया और मैंने उनसे टाइम लेने की कोशिश की है मुझे जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि उन्होंने मिलने के लिए और 10 मिनट देने के लिए ₹15000 एडवांस में जमा करने के लिए कहा, अब हम अंदाजा लगा सकते हैं कि जो विद्या हमारे महापुरूषों ने महज समाज की भलाई के लिए बनाई हो उसका हम आज के युग में किस तरह से दुरुपयोग कर रहे हैं यही कारण है कि समाज का इस विषय पर विश्वास ही लगभग उठता चला जा रहा है इस विषय पर मेरे कुछ रोमांचकारी अनुभव रहे हैं उन्हें आपके साथ आने वाले दिनों में शेयर कर के देखेंगे कि क्या यह विषय केवल बकवास है या इसमें कुछ ना कुछ रहस्य हैक्योंकि दुनिया जैसा की कवियों ने कहा है कि रहस्यमई दुनिया है जिसकी प्याज की परतों की तरह एक दूसरे की परत हटती जाती है और हम को नई और सुंदर चीजें देखने को मिलती है तो आइए चलिए एक नए सफर पर अपने अनुभव एक दूसरे से बांटते हुए और देखें कुछ ना कुछ तो अवश्य जो हमारे महापुरूषों ने एक विद्या को हमारे समक्ष रखा और वेस्ट आज भी कहता है कि this is a gift to the world by India.
Archna Raj.

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