शुभ हो हम सब को गणतन्त्र
दिवसII
आजादी का मतलब?,
हम क्या समझे हम क्याजाने,I
“उड़ा परिन्दा उन्मुक्त. गगन. में, “
सौगात मिली, कीमत ; उनकी जानें,II
देश के वे तो महापुरुष,
हर गली मौहल्ला चौपालें
झूलें,I
“लड़ते चलते करते बातें”
हिल जातीं थीं सरकार की चूलें
II
न लालच उनकों ताेड़ा ,
ना लाठी ताकत तोड़ी,I
गिरते रहे खून के कतरे,
न पीड़ा उनकोमोड़ीII
त्याग औ’बलिदान
हैं उनका
ये तो ऋण है हम पर भारी I
मजबूत रहे देश हमारा,
करें ध्वस्तसमस्या सारीII
झुकना कभी. ना सीखा,
हरदम सहेथे गम,I
तड़फ से रहते दूर सदा,
गर्व से खून बहाते हर दमII
न्याय से कोसों. दूर,
जबान पर लगी लगाम I
खुश रहना देश के वासी ,
हम को मिलता,ये पैगामII
याद करो उन पन्नों को,
जंजीरें जकड़े उनके, कदमI
शरीर टूटे ,सड़े, गले, मिटे,
मुकाम थीं आजादी हरदम.II
ना भूलो उन बलिदानों को,
उन ने खून बहाया था,I
हम केवल काम करें,
यही संदेश सुनाया था,II
नमन करें इस अवसर पर
मिलकर देते हम बधाई,I
बिखरे आज खुशी के फूल.
ईद ,दीवाली,होली आईII
चहु ओर मिले वाह- वाह
सफलतम बने, तन्त्र बसI
इक दूजे को देते वधाई आज,
शुभ हो हम सब को गणतन्त्र
दिवसII
(अर्चना व राज)
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