Through RTI ,It has come to notice that the former Govt funded the Minority Institution ,for their work of Conversion .They call themselves Secular which more or less means that the state shall not interfere with any religion ,for Religion is said to be of the Individual belief and faith.But in India,The Secular in practice ,means to oppose Hinduism and support Minority .Somewhere else ,State fund the money on the construction of Graveyard or in other states like Karnataka ,the Govt do not follow the Constitution and openly provide fund .RTI finds the answer that the Karnataka Govt encourages the Missionaries work and in the name of maintenance and beautification and construction of Community Hall.Very funny thing is this that during that period ,only Hindu saints were targeted and no fault was found with others,though there are thousand news that there is corrupt and anti-national practices everywhere.
An RTI traced the following questios
The Govt of Karnataka replied vide order no MWD318MD22011 dated 16/01.2012 from the minority Ministry
Q1.
How much money was given for the maintenance of Churches
चर्च की मरम्मत के लिए सरकार की तरफ से साल दर साल कितना फंड दिया गया ?
Q2. Name those Churches which got the Govt donation
उन ईसाई संस्थाओं के नाम और पते बताएं जिन्हें मरम्मत के नाम पर सरकार से पैसे मिले हैं
Q3 For new churches year wise ,money released
नए चर्च बनाने पर साल दर साल राज्य सरकार ने कितने पैसे जारी किए ?
Q4. Name those Christian missionaries which got the money for new churches
उन ईसाई संस्थाओं के नाम और पते बताएं जिन्हें नएचर्च बनाने के लिएपैसे दिए गए ?
चर्च के लिए खोला सरकारी खजाना
2013-14 12.30 crore for 134 churches and 6.72 for Christian Cummunity Centres.Everybody knows that they work for conversion
2013-14 में कर्नाटक सरकार ने राज्य के 134 गिरिजाघरों को 12.30 करोड़ रुपये दिए. इसके अलावा 6.72 करोड़ रुपये क्रिक्ष्चियन कम्युनिटी सेंटर बनाने के लिए दिए गए. इन कम्युनिटी सेंटरों में ही धर्मांतरण का ज्यादातर काम होता है
2014-15It was inbcreased .for 125 churches got 16.56 crore and for 55 Christian Community Centres 15 crore
2014-15 में यह फंडिग और बढ़ गई . इस दौरान 125 चर्चों को 16 .56 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से दिए गए. इसी तरह 55 ईसाई समुदाय भवन बनाने के लिए करीब 15 करोड़ रुपये बांटे गए.
2015-2016 में चर्च की मरम्मत पर 15 करोड़ रुपये बांटे गए. इस दौरान कम्युनिटी सेंटर बनाने के खर्च का ब्योरा नहीं दिया गया.
साल दर साल चर्च की फंडिंग बढ़ती गई They increase donation and Staes hardly contribute the money to religious places ,Not only so ,If you are so helpful why you do not support Hindu religious places.The people themselves donate and you see the opportunity to confiscate the money
तीन साल के अंदर कांग्रेस सरकार ने चर्च को बांटे करोड़ो रुपये. अमेरिका जैसे दुनिया के बड़े - बड़े ईसाई देशों में भी सरकारें चर्च बनाने या मरम्मत करने के नाम पर एक भी पैसा नहीं देती. कई देशों में ऐसा करना गैर-कानूनी है. सेकुलर देश होने के नाते भारत मे भी कोई सरकार किसी धर्म धर्म के पूजास्थल बनाने या मरम्मत के लिए पैसे नहीं दे सकती . जहां तक कर्नाटक सरकार का सवाल है उसने राज्य कई हिंदू मंदिरों की करोड़ो की संपत्ति सील कर रखी है. राज्य के सैकड़ो साल पुराने मंदिरों की हालत बेहद जर्जर होती जा रही है.
कैसे अपनी जड़े जमाती हैं इसाई मिशनरियां
ईसाई धर्म को बढ़ावा देने के लिए विदेशों से भारत में जड़ जमाने के लिए तमाम मिशनरीज संचालित हैं। ये हिंदु व दूसरे धर्म के लोगों को तमाम तरह के खैरात बांटकर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। इसके लिए ये मिशनरीज उनके धर्म की बुराइयां आदि करती हैं। हिंदुओं में छुआछूत व जातिवाद की भावनाओं के नाम पर भड़काकर अपने पाले में लाने की कोशिश करती हैंThe question is this that these missionaries fund those Institutions which work for conversion and destruction of Hinduism,which we have to remember that these Institution right from the beginning dream that to put in Bala Sahab 's words,Conversion is successful for the anti-nation activities,Wherever Hinduism is reduced ,The anti-national power shows its face.If someone speaks in favor of Hinduism ,He is targeted and our biased media come to play a role on the forefront,Hence we have to understand and protest against such activites .This is easy to understand why the present Govt seem to them full impatience .Please share it
No comments:
Post a Comment