Tuesday, 28 July 2015

0000238--महान आत्मा को हमारी व हमारे परिवार के सभी सदस्यों की तरफ से भी श्रृद्धान्जलि(HP-G-016/0000366)

महान आत्मा को हमारी व हमारे परिवार के सभी सदस्यों की तरफ से भी श्रृद्धान्जलि
जिद्गी जियो तो ऐसे जियो,
जीने के मायने बदल जायें ,
मुस्कानों की शंमा हो ,
खुशियों की बरसातें होती जायें I1I
न गमों का सागर हो,
न मनों की उलझन हो ,
प्रेम से जीवन नैया चले,
जीवन बस इक उपवन हो I2I
काम अनूठा, अलग पहचान,
देश की खातिर सब कुर्बान,
देश को जीना , देश को मरना ,
देश को दी अलग पहचान I3I
जिसने दुनिया जब छोड़ी,
सबका अपना अजिज गया,
मातम छाया घर- घर,
ऐसा क्या ? वो शख्स गया I4I
भूला नहीं पायेगें ,हम,
पीढ़ियां गुजर जायेगी ,
श्रृद्धा के सुमन सदा अर्पित,
यादें जब भी आयेगीं I5I
इतिहास भी गौरवान्वित होगा,
जीने की कला को, जो नया पटल दिया,
कलाम जैसी शख्सीयत ने तो,
इतिहास ही बदल दिया I6I
(अर्चना व राज)

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