दिवाली और होली दोनों में क्या अंतर है
(R/1914)
तुम दूर करो
जग से अंधियारा
मैं बिछुडो को
आज मिलाता हूं
तुम जगमग कर दो
जग सारा
मैं रूठों को आज मनाता हूं
तुम दिल में भर दो
सब के उजाले
मैं गीत प्रेम के गाता हूं
राम बन के तुम आ जाना
मैं कान्हा वन के गाता हूं
तुम गुजिया खाने आ जाना
मैं वृंदावन में
तुम्हें बुलाता हूं
तुम दूर करो जग से अंधियारा -----1
देश की अपनी धरोहर है
तुम सब को ये बतला देना
कोई दूर ना हमसे जाए
बात ये दिल की कह देना
रंग बिरंगी ;रंगों
से
तस्वीर देश की अपनी है
तहजीब देश की भी
;
यह गंगा जमुनी है
प्रेम से जीवन सब काटें
प्रेम से मधुरस सब बाटे
रैदास रहीम तुलसी की
बात प्रेम की सुनाता हूं
मदमस्त हूं इस
पावन अवसर
गीत प्रेम के गाता
हूं
होली की सभी को शुभकामनाएं
राज
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