(SRAJAN-----E-Magazine ) Life is a Great Gift to live happily.Let this happiness be shared to enjoy the Living in this beautiful World or " Vasudheb Kutumbkum." Let the Knowledge come to US from all the directions.Rights reserved
Wednesday, 27 March 2019
Srajan (E-Magazine): 802----Sunderkand-1
Srajan (E-Magazine): 802----Sunderkand-1: Ramayan –Sunderkand-1 जामवंत के बचन सुहाए सुनि हनुमंत हृदय अति भाए----1 तब लगगि मोहि परखेहु तुम भाई ...
803----Sunderkand-1
Ramayan
–Sunderkand-1
जामवंत के बचन सुहाए
सुनि हनुमंत हृदय अति भाए----1
तब लगगि मोहि परखेहु तुम भाई
सहि दुख कंदमूल फल खाई---2
जब लागि आंवौ सीतिह देखी
होइहि काजु मोहि हरषु विसेषी---3
यह कहि नाइ सबन्हि कहु माथा
चलेउ हरषि हियं धरि रघुनाथा---4
सिंधु तीर एक भूधर सुंदर
कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर ---5
|
बार बार रघुवीर संभारी
तरकेउ पवन तनय बल भारी
----6
जेहिं गिरि चरण देई हनुमंता
चलेउ सो गा पाताल तुरंता---7
जिमि अमोघ रघुपति कर बाना
एही भांति चले हनुमाना ---8
जलनिधि रघुपति दूत बिचारी
तैं मैंनाक होहि श्रमहारी---9
हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रणाम
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम
|
हनुमान जी यहां हमें यहां हमें क्या सिखाते हैं एक विहंगम दृष्टि डालते हैं
1------अपना व्यक्तित्व या अपना कृतित्व या कोई ऐसा गुण जो दूसरों को प्रभावित करेंजब उसके विषय में अन्य लोग चर्चा करते हैं तो बड़ी प्रसन्नता की अनुभूति होती है हनुमान जी के बारे में जामवंत जी ने जब बताया तो उन्होंने सबके दिल को मोह लिया
1------अपना व्यक्तित्व या अपना कृतित्व या कोई ऐसा गुण जो दूसरों को प्रभावित करेंजब उसके विषय में अन्य लोग चर्चा करते हैं तो बड़ी प्रसन्नता की अनुभूति होती है हनुमान जी के बारे में जामवंत जी ने जब बताया तो उन्होंने सबके दिल को मोह लिया
2--जो लोग काम करते हैं वह अन्य लोगों की इच्छाओं और आकांक्षाओं और
उम्मीदों के प्रतीक बनते हैं यदि कार्य दुष्कर है कठिन है और मुश्किल लगता है उस कार्य
को यदि कोई करने के लिए तैयार हो जाए यातैयार हो जाता है निमित्त मात्र यह भी प्रसन्नता
का विषय ,शुरू में बनता है हनुमान जी ने सीताजी की खोज का पता लगाना कार्य को हंसतेमुस्कुराते हुए करने के लिए हामी
भर दी यह जानते हुए भी कि हर पल ,हर पग एक
महा चुनौती उनका इंतजार कर रही है
3----- जब हमारे सामने हमारी मंजिल या मुकाम नजदीक होता है और हम पहुंचने के
करीब होते हैं निमित्त इसका एहसास ही हमारे दिल में प्रसंता का भाव भर देता है हम हारे
थके धीमी गति से चल रहे हैं लेकिन अचानक ही हमारे अंदर एक नई एनर्जी ,स्फूर्ती और उत्साह
आ जाता है और हम दौड़ लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं लेकिन हनुमान जी के सामने अपनी
मंजिल प्राप्त होगी; यद्यपि दूर है, लेकिन हंसते मुस्कराते और उत्साह के साथ ऐसा लगता
है कि उन्हें मंजिल मिल गई है प्रसंता के साथ अपने कार्य को पूर्ण करने के लिए तत्पर
है
4--- आजकल उत्साह का होना अत्यावश्यक है बिना उत्साह के हम कार्य को उतनी
उत्कृष्टता के साथ नहीं कर पाते हैं जितना की होना चाहिए और शुरू में ही हमारे अंदर
किसी कार्य को उसकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए उत्साह अटूट भरा है तो उसका प्रदर्शन
हमारा शरीर भी करता है कभी कभार तो हम भी बच्चों
जैसे व्यवहार या हरकत करने लग जाते हैं कूदते फांदते उछल कूद करते हम अपने
उत्साह का प्रदर्शन करते हैं यही बात हनुमान जी पर लागू होती है कि वेअपनी मंजिल तक
पहुंचने के लिए कितने आतुर हैं उत्साहित हैं स्पूर्ति से भरे हुए हैं
5- महापुरुषों का जीवन हमारे लिए आदर्श पद स्थापित करता है हमें हर पल
आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है उनके लिए मेहनत और परिश्रम कितना मायने रखता है हम समझ सकते हैं ,इतना ही नहीं एक बार नहीं
हजार बार कोशिश और प्रयास करते हैं अंत में अपने मुकाम को हासिल होते हैं थॉमस अल्वा
एडिसन का उदाहरण हमारे सामने है कि उसने 1000 असफलप्रयास करने के बाद ही सफलता
सफलता
हासिल की थी हरिवंश राय बच्चन ने सही लिखा है कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
6- हनुमान जी का यह कहना कि उन्हें आराम की जरूरत नहीं है बल्कि लक्ष्य
को प्राप्त करना है , एकमात्र लक्ष्य है निश्चित
रूप से हम सभी के लिए एक उदाहरण है कि हम लक्ष्य बनाते हैं लेकिन लक्ष्य को साधने में
कहीं न कहीं चुक जरूर कर जाते हैं डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन ने लिखा है
गहन सघन वन मंदिर तरु वर
मुझको आज बुलाते हैं
किंतु किये जो वायदे मैंने
याद तुरत आ जाते हैं
अभी कहां आराम बदा
यह मूक निमंत्रण छलना है
अरे अभी तो मीलों मुझको
मीलों मुझकोमुझको चलना है
Raj
Raj
Monday, 25 March 2019
Srajan (E-Magazine): 802---यह तस्वीर कुछ बोलती है
Srajan (E-Magazine): 802---यह तस्वीर कुछ बोलती है: यह तस्वीर कुछ बोलती है( Gha/41/1851) यह तस्वीर कुछ बोलती है (Gha/41/1851) आज भी बच्चे भीख मांगते काम ...
802---यह तस्वीर कुछ बोलती है
यह तस्वीर
कुछ बोलती
है(Gha/41/1851)
यह तस्वीर कुछ बोलती है(Gha/41/1851)
आज भी बच्चे भीख मांगते काम चलाते हम सबका दिल भी दुखाते दोष ना इनका होता है क्या समाज हमारा सोता है साथ खड़े हो हम भी घर से निक लो तुम भी कुछ काम हमें भी करना साथअब हमें भी देना देश में बढ़ती आपाधापी क्या हम भी हैं अपराधी शिक्षा का अधिकार है सबका अबना वंचित हो कोई तब का-----1 आओ थोड़ा हम भी संभलें तकदीर देश की हम भी बदलें आओ हम भी कदम बढ़ाए देश को आगे हम ले जाएं शिक्षा का अधिकार मिले सबको मिले जीवन भी अच्छा इनको हॉस्टल हो चाहे अस्थाई बने व्यवस्था अपनी न्यायी खाना पीना सब का हो कर मुक्त सभी बने महान और सशक्त काम मिले अब सबको मिले ख़ुशी अब हमको योगदान हमसब का हो पढ़ा लिखा देश का हर तबका हो राज जय श्री कृष्णा सबका भला हो सुख समृद्धि सबको हर दिशा से आए |
सारे बच्चे अच्छे हैं
दिल के भी सच्चे हैं हम भी बने सहारा दूर करें ये तम सारा औपचारिक या अनौपचारिक सभी बने अब देश के लायक मुकाम इनका भी हो सपना हम सब का हो बदलाव ब्यार अब चल दी मुश्किल आशा कर दी ध्यान में रखना आगे बढ़ना न पीछे अब छूटे कोई किस्मत अब ना रहे सोई जीने का अधिकार सभी का शिक्षा से वंचित हो ना कोई तब का---2 |
Subscribe to:
Posts (Atom)